भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत

भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम 1935 का है। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है। भारत के संविधान के निर्माण में निम्न देशों के संविधान से सहायता ली गई है।


(1) संयुक्त राज्य अमेरिका:

मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात।

(2) ब्रिटेन:

संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया।

(3) आयरलैंड:

नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन, आपातकालीन उपबंध।

(4) ऑस्ट्रेलिया:

प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन।

(5) जर्मनी:

आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां।

(6) कनाडा:

संघात्‍मक विशेषताएं अवशिष्‍ट शक्तियां केंद्र के पास।

(7) दक्षिण अफ्रीका:

संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान।

(8) रूस:

मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान।

(9) जापान:

विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।


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