Protected: Result for: BCI-Jaipur
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साथियों, स्कूल का नाम सही तरीके सें भरें।पहले (स्कूल का कोड) उसके बाद (स्कूल जिस गांव में है वह नाम)यदि किसी से बात करनी है तो वह वैबसाइट के टेलिग्राम चैनल पर कर सकते हैं। इसकी विश्वसनीयता उपयोगकर्ताओं की अपनी जानकारी पर आधारित है उम्मीद है आप सही जानकारी देंगे, Thanks.
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एक तारीख (date) से कैलेंडर में एक दिन खोजने का सबसे आसान तरीका यह है कि हम कैलेंडर को खोलकर उस डेट को ढूंढ निकालें और दिन का पता कर लें। लेकिन क्या होगा यदि आपके पास कैलेंडर ही नहीं हो? और यदि हो भी तो उस वर्ष का न हो जो पूछ गया है। […]
प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा सन् 1951 में देश में आर्थिक विकास को गति देने के लिये पंचवर्षीय योजना शुरू की गई थी। वर्ष 1966-69 के दौरान चली वार्षिक योजनाओं को छोड़कर ये पंचवर्षीय योजनाएँ लगभग नियमित रूप से चलाई गई थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने देश के विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य […]
भारत में, केंद्र सरकार द्वारा देश भर में योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्यों को करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों का गठन किया जाता है। ये मंत्रालय केंद्रीय कैबिनेट द्वारा चलाए जाते हैं। हर मंत्रालय किसी न किसी मंत्री द्वारा निर्देशित होता है। उन्हें आगे उनकी कार्य जटिलता के आधार पर विभागों में विभाजित किया गया […]
आज अगर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हमारे बीच होते तो पूरा देश उन्हें जन्मदिन (15 अक्टुम्बर) पर ढेरों शुभकामनाएं दे रहा होता। परन्तु नियति को कुछ ओर ही मंजूर था। 27 जुलाई 2015 को उन्होंने हमेशा के लिए हमसे विदा ले ली। परन्तु राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य और धर्म मानने वाले ‘कलाम’ सरीखे […]
भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण आयु सीमाएं : विवरण आयु सीमा लेख राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए न्यूनतम आयु 35 साल अनुच्छेद 58 (1) (बी) उपराष्ट्रपति के पद के चुनाव के लिए न्यूनतम आयु 35 साल अनुच्छेद 66 (3) (बी) राज्यपाल के पद के चुनाव के लिए न्यूनतम आयु 35 साल अनुच्छेद 157 सांसद (लोकसभा) […]
शब्द ‘जंतर-मंतर‘, “यंत्र-मंत्र” का अपभ्रंश रूप है। इसे प्राचीन भारत में वेधशाला कहा जाता था और इसे अंग्रेजी में ऑब्जरवेटरी (observatory) कहते हैं। प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों ने इन वेधशालाओं का निर्माण कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जगहों पर किया था जिसे खगोलीय महत्व का स्थान माना जाता है। भारत के अनेक प्राचीन पुरातात्विक स्मारकों और मंदिरों […]
विश्व में लगभग सभी देश अपने नागरिकों के, सामाजिक और देश हित के योगदान को प्रोत्साति करने के लिए विभिन्न पुरस्कारों को स्थापित करते हैं। “देश का सर्वोच्च सम्मान” इस श्रेणी का सबसे श्रेस्ट पुरस्कार माना जाता है। प्रत्येक देश में यह अलग-अलग नाम से हैं। इनमें से कुछ का यहाँ परिचयात्मक विवरण दिया गया […]
आजादी के बाद गरीबी, अशिक्षा और आर्थिक पिछड़ेपन से लड़ते हुए इन कुछ सालों में ही, इतने सारे सामाजिक पुरस्कारों को स्थापित करना, भारतीय समाज की वैचारिक-विरासत की महानता को दर्शाता है। इनमें से कुछ का परिचयात्मक विवरण यहाँ प्रस्तुत है। जिन्हें समय के साथ विस्तारित किया जाएगा। प्रमुख सामाजिक पुरस्कार: श्री गुरु नानक देव […]
जीवन के विभिन्न चरणों में विकाश सवरूप उत्करष्ट कार्यों हेतु, समय-समय पर प्रोत्साहन स्वरूप कुछ पुरस्कार निर्धारित किये गये हैं। यहाँ इस सेक्शन में कुछ राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार, परिचय सवरूप दिए जा रहे हैं। इनकी विषय-वार जानकारी विभिन्न आर्टिकल्स में दी जाएगी। नेबेल पुरस्कार (Nobel Prize) : यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की […]
भारत की तीसरी प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी के महान व्यक्तित्व के कारण उनके नाम पर अनेक पुरस्कार भारत सरकार ने जारी किए हैं। एक ही नाम से शुरू होने के कारण इन्हें याद करना थोड़ा जटिल हो जाता है। लेकिन तुलनात्मक अध्यन के माध्यम से आप इसे लम्बे समय तक याद रख पाएंगे। इन्दिरा गांधी […]
जयंती शब्द का प्रयोग मुख्यत: किसी घटना के घटित होने के दिन की, आगे आने वाले वर्षों में पुनरावृत्ति को दर्शाने के लिये किया जाता है। इसे वर्षगाँठ भी कह सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि भारत के 11वें राष्ट्रपति, ‘डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम’ का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ तो 15 […]
ताराघर (अंग्रेज़ी में प्लेनेटेरियम) या नक्षत्रालय एक ऐसा भवन होता है जहाँ खगोलिकी व नाइट स्काई विषयक ज्ञानवर्धक व मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। ताराघर की पहचान अक्सर उसकी विशाल गुंबदनुमा प्रोजेक्शन स्क्रीन होती है। भारत में 30 ताराघर हैं। इनमें से चार, जो क्रमशः मुंबई, नई दिल्ली, बंगलौर व इलाहाबाद में स्थित हैं, […]
राष्ट्रीय पोशाक किसी देश के सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करती है। पहनावा किसी क्षेत्र विशेष की पहचान के बारे में होना चाहिए, न की बाहर से अपनाई गई फेसन से। आज इस लेख में हम इसी के बारे में बात करेंगे। यहाँ कुछ देशों के राष्ट्रीय पोशाक के बारे में सक्षिप्त जानकारी दी जा रही […]
विभिन्न रसोइयों को कुकवेयर (रसोई के बर्तन) की अलग-अलग शैली चाहिए। कुछ लोग कच्चे लोहे के भारी बर्तनों में पकाना पसंद करते है, जबकि कुछ लोग थोड़ा हल्का चाहते हैं, जैसे कि एनोडाइज्ड, एल्यूमीनियम बर्तन या नॉन-स्टिक, टेफ्लॉन-कोटेड बर्तन। यहाँ हम कुछ तथ्यों पर विचार करेंगें जो हमें इनके अंतर को समझने में मदद करेंगे। […]
इतिहास में इस बात के तथ्य मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि भारत में संवत का प्रयोग लगभग 2000 वर्ष से ही होना शुरू हुआ है। इससे पहले ‘शासन वर्ष’ का उपयोग समय की गणना के लिए किया जाता था। महान शासक अशोक, कौटिल्य, कुषाण और सातवाहन तक यह गणना चलती रही। इससे इतिहासकारों […]
आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने समाजवादी आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाया। जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी। सन् 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई और योजना आयोग का गठन किया। नेहरू ने 8 दिसंबर, 1951 को संसद में […]
भारत में साठ के दशक में हरित क्रांति का नारा गूंजा और तब इसका उद्देश्य भुखमरी से निजात दिलाना था। 1967 से 1978 तक चले इस अभियान ने भारत को भुखमरी से न केवल निजात दिलाई बल्कि खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर कर दिया। साठ के दशक के उत्तरार्ध में पंजाब में हरित […]
भारत के प्रथम राज्य महत्वपूर्ण तथ्य : “जल नीति” बनाने वाला मेघालय देश का पहला राज्य बन गया है। (राज्य के उप मुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, इस नीति का मकसद सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ सतत विकास और जल संसाधनों का इस्तेमाल करना है। ) “जैविक खेती” करने वाला भारत का […]
भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम 1935 का है। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है। […]
भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां है। प्रत्येक भाग किस विशेष प्रकार को नियमबद्ध करता है। प्रारम्भ में केवल 8 अनुसूचियां थी। बाद में इनकी संख्या बढ़ के 12 हुई है। भाग विषय अनुच्छेद भाग I संघ और उसके क्षेत्र अनुच्छेद 1-4 भाग II नागरिकता अनुच्छेद 5-11 […]
भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधताओं वाले देश, भारत में भोजन की विभिन्न वैरायटी उपलब्ध हैं। यहाँ देश भर में पकाए जाने वाले भोज्य पदार्थों का राज्यवार परिचय दिया जा रहा है। परीक्षा में एक प्रश् यहाँ से भी देखने को मिल जाता है। आंध्र प्रदेश – पूठरेकुलु (Pootha-rekulu या पूठरेकु), तेलंगाना – हैदराबादी बिरयानी, अरुणाचल प्रदेश […]
GI टैग एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं (कृषि, प्राकृतिक या निर्मित) से जुड़ा एक संकेत है। किसी भी वस्तु को GI टैग देने से पहले उसकी गुणवत्ता, क्वालिटी और पैदावार की अच्छे से जाँच की जाती है। यह तय किया जाता है कि उस खास वास्तु की सबसे अधिक और ओरिजिनल पैदावर निर्धारित […]
वर्तमान में भारत में कुल 28 राज्य और 9 केंद्र-शासित प्रदेश हैं। इनमें से अधिकतर को आजादी के बाद पुराने भारत की रियासतों से बाँटकर बनाया गया है। यहाँ उनके गठन के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है। राज्यों का गठन : राज्य गठन वर्ष गठन के पूर्व राज्य का दर्जा आंध्र 1953 […]
बौद्ध धर्म के बारे में एक से दो प्रश्न हर एग्जाम में पूछे जाते हैं। भारतीय इतिहास और धार्मिक आंदोलन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है, बौद्ध धर्म। यहाँ इससे जुड़े उन महत्वपूर्ण प्रश्नों को सामील किया गया है, जो किसी न किसी एग्जाम में पूछे जा चुके है। बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न […]