MCQ on Science: कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

हम यहां “कुछ प्राकृतिक परिघटनाओं” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल NCERT की किताब से लिए गए हैं।

Q&A: कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ (Question and Answer on Some natural phenomena)


प्रश्न-1: आवेश तथा उसकी विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. सजातीय (एक ही प्रकार के) आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
  2. वस्तुओं को रगड़ने पर उत्पन्न विद्युत आवेश स्थैतिक होते हैं।
  3. जब आवेश गति करते हैं तो विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
  4. भूसम्पर्कण (Earthing) द्वारा किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजा जाता है।

व्याख्याः (Option: 1)

  • कथन (a) गलत है क्योंकि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, जबकि विजातीय (भिन्न प्रकार के) आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
  • वस्तुओं को अन्य वस्तु से रगड़ने पर आवेश उत्पन्न होते हैं। ऐसे आवेश स्थैतिक आवेश होते हैं। मान्यता के अनुसार रेशम से रगड़ने पर काँच की छड़ द्वारा अर्जित आवेश को धनावेश कहते हैं। अन्य प्रकार के आवेश को ऋणावेश कहते हैं।
  • जब आवेश गति करते हैं तो विद्युत धारा बनती है। किसी परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा कुछ नहीं वरन् आवेशों का प्रवाह ही है।
  • विद्युत आवेश को किसी आवेशित वस्तु से अन्य वस्तु में धात्विक चालक द्वारा भेजा भी जा सकता है।
  • किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने की प्रक्रिया को भूसम्पर्कण कहते हैं।

प्रश्न-2: तड़ित (Lightning) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: धरती के निकट संचित ऋणात्मक आवेशों तथा बादलों के निचले किनारे पर संचित धनात्मक आवेशों के मिलने से प्रकाश की चमकीली धारियों तथा ध्वनि के रूप में तड़ित उत्पन्न होती है।
  • कथन-2: तड़ित उत्पन्न होने की प्रक्रिया विद्युत विसर्जन (Electric Discharge) कहलाती है। ये दो अथवा दो से अधिक बादलों के बीच अथवा बादलों तथा पृथ्वी के बीच हो सकती है।
  • कथन-3: भवनों को तड़ित के प्रभावों से बचाने के लिये तड़ित चालक (Lightning Conductor) नामक युक्ति का प्रयोग होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 2)

  • गरज वाले तूफानों के बनते समय वायु की धाराएँ ऊपर की ओर जाती हैं जबकि जल की बूंदें नीचे की ओर जाती हैं। इन प्रबल गतियों के कारण आवेशों का पृथकन होता है। बादलों के ऊपरी किनारों के निकट धनावेश तथा निचले किनारे पर ऋणावेश संचित हो जाते हैं। धरती के निकट भी धनावेश का संचय होता है। जब संचित आवेशों का परिमाण अत्यधिक हो जाता है तो वायु, जो विद्युत की हीन चालक है, आवेशों के प्रवाह को नहीं रोक पाती। परिणामस्वरूप ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मिलते हैं और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे हम तड़ित के रूप में देखते हैं। अतः कथन 1 गलत है।
  • कथन 2 सही है। तड़ित उत्पन्न होने की प्रक्रिया को विद्युत विसर्जन कहते हैं। यह प्रक्रिया दो अथवा अधिक बादलों के बीच अथवा बादलों तथा पृथ्वी के बीच हो सकती है।
  • भवनों को तड़ित के प्रभावों से बचाने के लिये तड़ित चालक नामक युक्ति का प्रयोग होता है। इस युक्ति में भवन निर्माण के समय दीवारों में, उस भवन की ऊँचाई से अधिक लम्बाई की धातु की छड़ स्थापित कर दी जाती है। इस छड़ का एक सिरा वायु में खुला रखा जाता है तथा दूसरे सिरे को ज़मीन में काफी गहराई तक दबा देते हैं। धातु की छड़ विद्युत आवेश को ज़मीन तक पहुँचने के लिये एक सरल पथ प्रदान करती है।

प्रश्न-3: पृथ्वी कई परतों में बँटी हुई है। इनमें से कौन-सी परत भूस्पन्द के लिये उत्तरदायी है?

  1. भूपर्पटी (Crust)
  2. प्रावार (Mantle)
  3. बाह्य क्रोड (Outer Core)
  4. आन्तरिक क्रोड (Inner Core)

व्याख्याः (Option: 1)

  • पृथ्वी के भीतर की सबसे ऊपरी सतह में गड़बड़ के कारण भूस्पन्द (Tremors) आते हैं। पृथ्वी की इस परत को भूपर्पटी (Crust) कहते हैं।
  • पृथ्वी की यह परत एक खण्ड के रूप में नहीं है। यह टुकड़ों में विभाजित है। प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते हैं। ये प्लेटें निरन्तर गति करती रहती हैं। जब ये एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है। यही विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकम्प के रूप में दिखाई देता है।
  • भूस्पन्द पृथ्वी की सतह पर तरंगे उत्पन्न करते हैं। इन तरंगों को भूकम्पी तरंगें कहते हैं। इन तरंगों को भूकम्प लेखी (Seismograph) नामक उपकरण द्वारा रिकार्ड किया जाता है।

प्रश्न-4: भूकम्प के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: भूकम्प प्लेटों की गतियों के कारण उत्पन्न होते हैं। प्लेटों की सीमाएँ (Boundaries) प्लेटों का दुर्बल क्षेत्र (Weak zone) होती हैं। अतः वहाँ भूकम्प आने की संभावना अधिक होती है।
  • कथन-2: कश्मीर और कच्छ का रन भारत के अति भूकम्प आशंकित क्षेत्र हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

व्याख्याः (Option: 3)

  • उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। भूकम्प प्लेटों की गतियों के कारण उत्पन्न होते हैं। प्लेटों की सीमाएँ (Boundaries) प्लेटों का दुर्बल क्षेत्र (weak zone) होती हैं। अतः वहाँ भूकम्प आने की संभावना अधिक होती है। इन दुर्बल क्षेत्रों को भूकम्पी क्षेत्र अथवा भ्रंश क्षेत्र भी कहते हैं।
  • भारत के भू-क्षेत्र को भूकम्प प्रवणता की दृष्टि से 4 क्षेत्रों (zones) में बाँटा गया है। जिसमें कश्मीर, पश्चिमी तथा केन्द्रीय हिमालय, समस्त उत्तर-पूर्व, कच्छ का रन, राजस्थान तथा सिंध-गंगा के मैदान अति भूकम्प आशंकित क्षेत्र में आते हैं। दक्षिण भारत के कुछ भाग भी खतरे के क्षेत्र में आते हैं।

प्रश्न-5: भूकम्प की शक्ति के परिमाण को मापने के लिये प्रयुक्त पैमाने के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: इसके लिये रिक्टर पैमाने का प्रयोग किया जाता है।
  • कथन-2: यह पैमाना रैखिक (Linear) है।
  • कथन-3: इसमें 2 अंक की वृद्धि का अर्थ लगभग 1000 गुनी अधिक विनाशी ऊर्जा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 2)

  • कथन 1 सही है। किसी भूकम्प की शक्ति के परिमाण को रिक्टर पैमाने पर व्यक्त किया जाता है।
  • कथन 2 गलत है क्योंकि रिक्टर पैमाने रैखिक नहीं है। यह लघुगणकीय (logarithmic) है।
  • लघुगणकीय होने के कारण रिक्टर पैमाने पर अंकित 1-10 तक की संख्या में से प्रत्येक अंक ‘भूकम्पमापी यंत्र’ (Seismograph) पर 10 गुने आयाम (10 Times Amplitude) तथा 32 गुनी ऊर्जा वृद्धि को प्रदर्शित करती है। इसीलिये परिमाण में 2 अंक की वृद्धि का अर्थ लगभग 1000 गुनी अधिक विनाशी ऊर्जा है। अतः कथन 3 भी सही है।

विश्वसनीयता (Trustworthy)

“MCQ केटेगरी” में शामिल प्रत्येक प्रश्न को आधिकारिक स्त्रोतों द्वारा जांचा-परखा गया है, फिर भी इसमें सुधार की गुंजाइश से इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि आपको किसी भी प्रश्न में कोई संदेह है, तो आप नीचे टिप्पणी में पूछ सकते हैं। हमारी टीम इसे 48 घंटे में हल करने की भरोसेमंद-कोशिश करेगी।


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