MCQ on Science: सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

हम यहां “सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल NCERT की किताब से लिए गए हैं।

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Q&A: सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु (Question-Answer on Microorganisms: Friends and Foes)


प्रश्न-1: सूक्ष्मजीवों और उनसे होने वाले विभिन्न रोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस-ए विषाणु (वाइरस) द्वारा होते हैं।
  • कथन-2: टाइफाइड और खसरा (Measles) जीवाणु द्वारा होने वाले रोग हैं।
  • कथन-3: अतिसार एवं मलेरिया प्रोटोजोआ द्वारा होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 3)

  • कथन 1 और 3 सही है परंतु 2 गलत है क्योंकि खसरा जीवाणु द्वारा नहीं बल्कि विषाणु द्वारा होने वाला रोग है। जुकाम, इन्फ्लुएंजा एवं अधिकतर खाँसी विषाणु द्वारा होते हैं। जानवरों में गाय के खुर एवं मुँह का रोग भी विषाणु द्वारा होता है।
  • सूक्ष्मजीव, उनसे होने वाले रोगों और रोगों के संचरण के तरीकों का विवरण नीचे दिया गया है-
रोगरोग कारक सूक्ष्मजीवसंचरण का तरीका
खसरा
चिकनपॉक्स
पोलियो
हैपेटाइटिस-ए
विषाणु
विषाणु
विषाणु
विषाणु
वायु
वायु/सीधा सम्पर्क
वायु/जल
जल
क्षयरोग
हैजा
टायफाइड
जीवाणु
जीवाणु
जीवाणु
वायु
जल/भोजन
जल
मलेरिया
अतिसार
प्रोटोजोआ
प्रोटोजोआ
मच्छर
जल

प्रश्न-2: निम्नलिखित पर विचार कीजिये-

  1. शैवाल : स्पाइरोगाइरा
  2. प्रोटोजोआ : क्लेमाइडोमोनास
  3. कवक : राइजोपस (ब्रेड मोल्ड)

उपर्युक्त सूक्ष्मजीवों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 2)

  • उपरोक्त सूक्ष्मजीवों में स्पाइरोगाइरा और क्लेमाइडोमोनास शैवाल का उदाहरण हैं। प्रोटोजोआ के सामान्य उदाहरण अमीबा और पैरामीशियम हैं। राइजोपस (ब्रेड मोल्ड), पेनिसीलिएम और ऐस्पर्जिलस कवक के उदाहरण हैं।
  • सूक्ष्मजीव एककोशिक हो सकते हैं, जैसे कि जीवाणु, कुछ शैवाल एवं प्रोटोजोआ अथवा बहुकोशिक जैसे कि शैवाल एवं कवक। कुछ सूक्ष्मजीव दूसरे सजीवों पर आश्रित होते हैं, जबकि कुछ अन्य स्वतंत्र रूप से पाए जाते हैं। अमीबा जैसा सूक्ष्मजीव अकेले रह सकता है, जबकि कवक एवं जीवाणु समूह में रहते हैं।

प्रश्न-3: दूध से दही बनने की प्रक्रिया में निम्नलिखित में से किस सूक्ष्मजीव की आवश्यकता होती है?

  1. जीवाणु
  2. कवक
  3. विषाणु
  4. इनमें से कोई नहीं

व्याख्याः (Option: 1)

  • दूध से दही बनने की प्रक्रिया में जीवाणु की आवश्यकता होती है। दही में अनेक सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जिनमें लैक्टोबैसिल्स नामक जीवाणु प्रमुख हैं जो दूध में जनन कर उसे दही में परिवर्तित कर देते हैं।
  • जीवाणु पनीर (चीज़), अचार एवं अनेक खाद्य पदार्थों के निर्माण में सहायक हैं।

प्रश्न-4: खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने के बाद अपनी श्वसन प्रक्रिया में खमीर (यीस्ट) निम्नलिखित में से क्या उत्पादित करते हैं?

  1. ऑक्सीजन
  2. कार्बन डाइऑक्साइड
  3. नाइट्रोजन
  4. इनमें से कोई नहीं

व्याख्याः (Option: 2) खाद पदार्थों में मिलाए जाने के बाद खमीर (यीस्ट) तीव्र गति से जनन करते हैं तथा अपनी श्वसन प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पादित करते हैं। गैस के बुलबुले खमीर वाले खाद्य पदार्थ का आयतन बढ़ा देते हैं। यही बेकिंग उद्योग में खमीर के उपयोग का आधार है, जिसमें ब्रेड, पेस्ट्री एवं केक बनाए जाते हैं।


प्रश्न-5: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-

सूची-I (आविष्कार)सूची-II (आविष्कारकर्त्ता)
(A) किण्वन1. रार्बट कोच
(B) पेनिसिलीन2. एडवर्ड जेनर
(C) चेचक का टीका3. लुई पॉश्चर
(D) बेसीलस एन्थ्रेसिस4. अलेक्जेंडर फ्लेमिंग

कूट: A : B : C : D

  • 3 4 2 1
  • 3 4 1 2
  • 4 3 2 1
  • 4 3 1 2

व्याख्याः (Option: 1)

  • चीनी के एल्कोहल में परिवर्तन की प्रक्रिया को किण्वन कहते हैं। लुई पॉश्चर ने किण्वन की खोज सन् 1857 में की थी।
  • पेनिसिलीन की खोज सन् 1929 में अलेक्जेंडर फ्लेमिंग द्वारा की गई थी। पेनिसिलीन एक प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) है जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करती है। स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन सामान्य रूप से उपयोग किये जाने वाले प्रतिजैविक हैं जिन्हें कवक एवं जीवाणुओं से उत्पादित किया जाता है।
  • चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर द्वारा सन् 1798 में की गई थी। यदि मृत अथवा निष्क्रिय सूक्ष्मजीवों को स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रविष्ट कराया जाए तो शरीर की कोशिकाएँ उसी के अनुसार लड़ने के प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक को नष्ट कर देती हैं। यही अवधारणा टीकों के विकसित किये जाने का आधार है।
  • राबर्ट कोच ने सन् 1876 में बेसीलस एन्थ्रेसिस नामक जीवाणु की खोज की जो एन्थ्रेक्स रोग का कारण है। एन्थ्रेक्स, मनुष्य एवं मवेशियों में होने वाला एक भयानक रोग है।

प्रश्न-6: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये-

(रोग)(रोग-वाहक)
1. हैजा :घरेलू मक्खी
2. मलेरिया :मादा एडीस मच्छर
3. डेंगू :मादा एनॉफ्लीज़

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 3
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 1)

  • घरेलू मक्खी हैजा रोग के वाहक का कार्य करती है।
  • मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर मलेरिया परजीवी (प्लैज्मोडियम) के वाहक का उदाहरण है।
  • मादा एडीस मच्छर डेंगू के विषाणु का वाहक है।

प्रश्न-7: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजियेः-

(पादप रोग)(रोग कारक सूक्ष्मजीव)
1. नींबू कैंकर : जीवाणु
2. गेहूँ की रस्ट :कवक
3. भिंडी की पीत :विषाणु

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त तीनों युग्म सुमेलित हैं।

क्र. सं.पादप रोगसूक्ष्मजीवसंचरण का तरीका
1.नींबू कैंकरजीवाणुवायु
2.गेहूँ की रस्टकवकवायु एवं बीज
3.भिंडी की पीतविषाणुकीट

प्रश्न-8: खाद्य परिरक्षकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: सोडियम बेंजोएट तथा सोडियम मेटाबाइसल्फाइट सामान्य खाद्य परिरक्षक है।
  • कथन-2: नमक, चीनी, खाद्य तेल और सिरके का प्रयोग खाद्य परिरक्षण में किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

व्याख्याः (Option: 3)

  • दोनों कथन सही हैं। सूक्ष्मजीव खाद्य पदार्थों को संदूषित कर देते हैं। खाद्य पदार्थों को संदूषण से बचने के लिये खाद्य परिरक्षकों का उपयोग किया जाता है। सोडियम बेंजोएट तथा सोडियम मेटाबाइसल्फाइट सामान्य परिरक्षक हैं। जैम एवं स्क्वैश बनाने में इन रसायनों का उपयोग होता है।
  • नमक, चीनी, खाद्य तेल और सिरका का उपयोग भी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिये सामान्य रूप से किया जाता है, उदाहरण- नमक, खाद्य तेल व सिरके का उपयोग अचार को संदूषण से बचाने के लिये तथा चीनी का उपयोग जैम, जेली एवं स्कवैश आदि परिरक्षण करने के लिये किया जाता है।

प्रश्न-9: पॉश्चरीकृत दूध के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  • कथन-1: पॉश्चरीकृत दूध को बिना उबाले उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है।
  • कथन-2: दूध को पॉश्चरीकृत करने के लिये इसे 70ºC पर 15-30 मिनट के लिये गर्म करते हैं और फिर एकाएक ठंडा कर उसका भण्डारण कर लेते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

व्याख्याः (Option: 1)

  • कथन 1 सही है। पॉश्चरीकृत दूध को बिना उबाले उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है।
  • पॉश्चरीकृत करने के लिये दूध को 70ºC पर 15-30 सेकंड के लिये गर्म करते हैं और फिर एकाएक ठंडा कर उसका भण्डारण कर लेते हैं। ऐसा करने से सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रुक जाती है। अतः कथन 2 गलत है।
  • इस प्रक्रिया की खोज लुई पॉश्चर नामक वैज्ञानिक ने की थी, इनके नाम पर ही इस प्रक्रिया को पॉश्चरीकरण कहते हैं।

प्रश्न-10: नाइट्रोजन चक्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?

  1. मिट्टी में उपस्थित जीवाणु व नीले-हरे शैवाल वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजन यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं जिसका अवशोषण पौधे करते हैं।
  2. पौधों पर निर्भर करने वाले जन्तु पौधों से उनके द्वारा संश्लेषित प्रोटीन एवं अन्य नाइट्रोजनी यौगिक प्राप्त करते हैं।
  3. पौधों एवं जन्तुओं की मृत्यु के बाद, मिट्टी में उपस्थित जीवाणु एवं कवक नाइट्रोजनी अपशिष्ट को नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं जो पौधों द्वारा पुनः उपयोग होता है।
  4. कुछ विशिष्ट पौधे एवं जन्तु नाइट्रोजनी यौगिकों को नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित कर देते हैं जो वायुमण्डल में चली जाती है।

व्याख्याः  (Option: 4)

  • कथन (a), (b) व (c) सही हैं। पौधे एवं जन्तु वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का उपयोग सीधे नहीं कर सकते। मिट्टी में उपस्थित जीवाणु (जैसे राइजोबियम), नीले-हरे शैवाल तथा कभी-कभी तड़ित विद्युत द्वारा वायुमण्डल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तित पर दिया जाता है।
  • पौधे इन यौगिकों का अवशोषण करके प्रोटीन व अन्य यौगिकों का संश्लेषण करते हैं जिसका उपयोग पौधों पर निर्भर जन्तुओं द्वारा किया जाता है। पौधों और जन्तुओं की मृत्यु के बाद मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और कवकों द्वारा नाइट्रोजनी अपशिष्ट का नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तन कर दिया जाता है, जिसका उपयोग पौधे पुनः करते हैं।
  • नाइट्रोजन चक्र के अन्तिम चरण में कुछ विशिष्ट जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजनी यौगिकों को नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित कर दिया जाता है। परिणामतः वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग स्थिर रहती है। अतः कथन (d) गलत है। नाइट्रोजन सभी सजीवों का आवश्यक संघटक है जो प्रोटीन, पर्णहरित (क्लोरोफिल), न्यूक्लिक एसिड एवं विटामिन में उपस्थित होता है।

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