MCQ on History: नए साम्राज्य और राज्य
हम यहां इतिहास के विषय “नए साम्राज्य और राज्य” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल NCERT की किताब से लिए गए हैं।
Q&A: नए साम्राज्य और राज्य (Question and Answer on New empires and kingdoms)
प्रश्न-1: हरिषेण निम्नलिखित में से किसका दरबारी कवि था?
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- श्रीगुप्त
व्याख्याः (Option: 2) हरिषेण समुद्रगुप्त का दरबारी कवि था।
प्रश्न-2: इलाहाबाद का अशोक स्तम्भ अभिलेख निम्नलिखित में से किसके काल के बारे में सूचना प्रदान करता है?
- चन्द्रगुप्त मौर्य
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- समुद्रगुप्त
व्याख्याः (Option: 4) इलाहाबाद का अशोक स्तम्भ अभिलेख समुद्रगुप्त के शासन के बारे में जानकारी देता है। इस पर समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण ने संस्कृत भाषा में प्रशंसनात्मक वर्णन प्रस्तुत किया है।
- इसे लगभग 1700 वर्ष पूर्व लिखा गया था। इसे ही प्रयाग-प्रशस्ति या समुद्रगुप्त की प्रशस्ति कहा गया है। प्रशस्ति का अर्थ ‘प्रशंसा’ होता है। इसमें उसकी विजयों का वर्णन है। इसमें उसे ईश्वर के बराबर बताया गया है। इसमें समुद्रगुप्त की योद्धा और उत्कृष्ट कवि के रूप में भी प्रशंसा की गई है।
- समुद्रगुप्त एक संगीत प्रेमी राजा था वह वीणा भी बजाता था। उसके इस गुण को सिक्कों पर भी दिखाया गया है।
प्रश्न-3: हरिषेण द्वारा वर्णित विभिन्न प्रकार के राजाओं और उनके प्रति समुद्रगुप्त की नीतियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही नहीं है?
- समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त के सभी नौ शासकों को हराकर उनके राज्य को अपने साम्राज्य में मिला लिया।
- उसने दक्षिणापथ के सभी 12 शासकों को हराकर उनके राज्य को भी अपने साम्राज्य में मिला लिया।
- समुद्रगुप्त के राज्य के पड़ोसी देश (आन्तरिक घेरा) समुद्रगुप्त के लिये उपहार लाते थे और उसकी आज्ञाओं का पालन करते थे।
- बाहरी राज्यों ने समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार की और अपनी पुत्रियों का विवाह उससे किया।
व्याख्याः (Option: 2) कथन (a), (c) व (d) सही हैं, परंतु (b) गलत है क्योंकि दक्षिणापथ के 12 राजाओं ने हारने के बाद समुद्रगुप्त के सामने समर्पण किया था। समुद्रगुप्त ने उन्हें फिर से शासन करने की अनुमति दे दी।
- समुद्रगुप्त के राज्य के पड़ोसी देशों में असम, तटीय बंगाल, नेपाल और उत्तर-पश्चिम के कई गण या संघ आते थे। ये आंतरिक राज्यों के एक घेरे के रूप में समुद्रगुप्त के राज्य से लगे थे। ये समुद्रगुप्त के लिये उपहार लाते थे, उनकी आज्ञा मानते थे तथा उनके दरबार में उपस्थित हुआ करते थे।
- बाह्य इलाके सम्भवतः कुषाण तथा शक वंश के थे। इसमें श्रीलंका के शासक भी थे। इन्होंने समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार की और अपनी पुत्रियों का विवाह उससे किया।
प्रश्न-4: निम्नलिखित में से किसके/किनके द्वारा महाराजाधिराज (Emperor) की उपाधि धारण की गई थी?
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- कुमारगुप्त
नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये-
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 4
व्याख्याः (Option: 2) समुद्रगुप्त और उसके पिता चंद्रगुप्त प्रथम ने ही महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। समुद्रगुप्त के दादा और परदादा का उल्लेख महाराज के रूप में ही मिलता है। समुद्रगुप्त की माँ कुमार देवी थीं जो लिच्छवि गण की थीं।
प्रश्न-5: शक-विजेता निम्नलिखित में से किसे कहा जाता है?
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- समुद्रगुप्त
- कुमारगुप्त
व्याख्याः (Option: 2) चन्द्रगुप्त द्वितीय को ‘शक-विजेता’ कहा जाता है। उसने पश्चिमी भारत में सैन्य अभियान करके अंतिम शक शासक (रुद्र सिंह-III) को परास्त किया।
प्रश्न-6: कालिदास निम्नलिखित में से किसके दरबार में थे?
- समुद्रगुप्त
- अशोक
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
व्याख्याः (Option: 4) चन्द्रगुप्त द्वितीय का दरबार विद्वानों से भरा रहता था। कवि कालिदास (Kalidas) और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट (Aryabhata) उसी के दरबार में थे।
प्रश्न-7: बाणभट्ट (Banabhatta) निम्नलिखित में से किसके दरबारी कवि थे?
- कुमारगुप्त
- स्कंदगुप्त
- विष्णुगुप्त
- हर्षवर्धन
व्याख्याः (Option: 4) बाणभट्ट हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। इन्होंने हर्षवर्धन की जीवनी ‘हर्षचरित’ लिखी। जिससे हर्ष के शासन काल और वंशावली का पता चलता है। हर्ष ने लगभग 1400 वर्ष पूर्व शासन किया था।
प्रश्न-8: निम्नलिखित में से कौन हर्ष के काल में भारत आया था?
- फाह्यान
- ह्वेनसांग
- मेगस्थनीज
- डियोनिसियस
व्याख्याः (Option: 2) चीनी तीर्थ यात्री ह्वेनसांग (श्वैन त्सांग) हर्ष के काल में भारत आया। वह काफी समय के लिये हर्ष के दरबार में भी रहा। उसने वहाँ जो कुछ देखा उसका विस्तृत विवरण दिया है।
प्रश्न-9: नर्मदा नदी पर, सम्राट हर्ष के दक्षिण की ओर बढ़ने का कोशिश को किसने रोका?
- पुलकेशिन I
- पुलकेशिन II
- विक्रमादित्य I
- विक्रमादित्य II
व्याख्याः (Option: 2) मगध और बंगाल को जीतकर हर्ष को पूर्व में जितनी सफलता मिली थी उतनी अन्य जगहों पर नहीं मिली। जब उसने नर्मदा नदी को पारकर दक्कन की ओर बढ़ने का प्रयास किया तब चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय ने उसे रोक दिया।
प्रश्न-10: कांचीपुरम निम्नलिखित में से किसकी राजधानी थी?
- सातवाहन
- चालुक्य
- पल्लव
- चोल
व्याख्याः (Option: 3) पल्लवों की राजधानी कांचीपुरम थी। पल्लवों का राज्य कांचीपुरम के आस-पास के क्षेत्रों से लेकर कावेरी नदी के डेल्टा तक फैला था।
प्रश्न-11: चालुक्यों की राजधानी निम्नलिखित में से कौन-सी थी?
- मदुरै
- एहोल
- महाबलीपुरम
- वल्लभी
व्याख्याः (Option: 2) चालुक्यों की पहली राजधानी एहोल जो एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र थी, धीरे-धीरे यह एक धार्मिक केंद्र भी बन गई जहाँ कई मंदिर थे। चालुक्यों का राज्य कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों के बीच स्थित था। यह क्षेत्र रायचूर दोआब कहलाता है। पुलकेशिन प्रथम के दौरान चालुक्यों की राजधानी बादामी स्थानांतरित की गई थी। बादामी को वातापी के रूप में भी जाना जाता है।
प्रश्न-12: रविकीर्ति निम्नलिखित में से किसके दरबारी कवि थे?
- चन्द्रगुप्त द्वितीय
- चन्द्रगुप्त प्रथम
- पुलकेशिन प्रथम
- पुलकेशिन द्वितीय
व्याख्याः (Option: 4) रविकीर्ति, पुलकेशिन द्वितीय के दरबारी कवि थे। पुलकेशिन द्वितीय सबसे प्रसिद्ध चालुक्य राजा था। उसके बारे में रविकीर्ति द्वारा रचित प्रशस्ति से पता चलता है। इसमें उसकी चार पीढ़ियों के बारे में बताया गया है।
प्रश्न-13: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: पल्लव और चालुक्य एक-दूसरे की सीमाओं का अतिक्रमण करते थे।
- कथन-2: पल्लवों और चालुक्यों को क्रमशः चोलों तथा राष्ट्रकूटों ने अंतिम रूप से समाप्त कर दिया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) दोनों कथन सही हैं। पल्लवों को चोल वंश ने परास्त कर उनके साम्राज्य को चोल साम्राज्य में मिला लिया। चालुक्यों (बादामी के) को अन्ततः राष्ट्रकूटों ने परास्त किया।
प्रश्न-14: दक्षिण भारत में पूर्व मध्यकालीन प्रशासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय पद अनुवांशिक होते थे।
- कथन-2: प्रशासन की प्राथमिक इकाई नगर होते थे।
- कथन-3: कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई पदों पर कार्य करता था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3) दक्षिण भारत में पूर्व मध्यकालीन प्रशासन में कुछ महत्त्वपूर्ण पद अनुवांशिक बन गए तथा कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई पदों पर कार्य करता था, जैसे-हरिषेण अपने पिता की तरह महादंडनायक बने। साथ ही उसे कुमारात्मात्य भी बनाया गया।
- प्रशासन की प्राथमिक इकाई गाँव होते थे न कि नगर।
- कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य करता था। जैसे-हरिषेण ‘महादण्डनायक’ और ‘कुमारामात्य’ होने के साथ-साथ ‘संधि-विग्रहिक’ भी थे।
प्रश्न-15: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट में से सही उत्तर चुनिये-
सूची-I | सूची-II |
A. नगर-श्रेष्ठी | 1. व्यापारी काफिले का नेता |
B. सार्थवाह | 2. लिपिक के प्रधान |
C. प्रथम-कुलिक | 3. मुख्य बैंकर |
D. कायस्थ | 4. मुख्य शिल्पकार |
कूटः A : B : C : D
- 2 1 3 4
- 1 2 3 4
- 3 1 4 2
- 1 3 4 2
व्याख्याः (Option: 3)
- नगर-श्रेष्ठी, मुख्य बैंकर या शहर का व्यापारी होता था।
- सार्थवाह व्यापारियों के काफिले का नेता होता था।
- प्रथम-कुलिक, मुख्य शिल्पकार तथा कायस्थ ‘लिपिक के प्रधान जैसे लोग’ होते थे।
- इन सभी का दक्षिण भारत में (पूर्व मध्यकाल में) स्थानीय प्रशासन में बहुत बोलबाला रहता था।
प्रश्न-16: पूर्व मध्यकालीन सामन्तों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: इनकी अपनी सेना होती थी तथा आवश्यकता पड़ने पर ये राजा को सहायता देते थे।
- कथन-2: इन्हें कोई नियमित वेतन नहीं दिया जाता था।
- कथन-3: जहाँ शासक दुर्बल होते थे ये स्वतंत्र होने का प्रयास करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से/सा कथन सही है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। पूर्व मध्यकाल में सामन्तों को नियमित वेतन नहीं दिया जाता था। बदले में इनमें से कुछ को भूमिदान दिया जाता था। दी गई भूमि से ये कर वसूलते थे जिससे वे सेना तथा घोड़ों की देखभाल करते थे। साथ ही वे इससे युद्ध के हथियार जुटाते थे।
प्रश्न-17: दक्षिण भारत के राज्यों की विभिन्न स्थानीय सभाओं के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?
1. सभा | ब्राह्मण भूस्वामियों का संगठन |
2. उर | ग्राम सभा |
3. नगरम् | शिल्पकारों का संगठन |
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
- केवल 1
- केवल 2
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3) पल्लव अभिलेखों में कई स्थानीय सभाओं की चर्चा मिलती है। इनमें से एक था ब्राह्मण भूस्वामियों का संगठन जिसे सभा कहते थे। ये सभाएँ उपसमितियों के ज़रिये सिंचाई, खेतीबाड़ी से जुड़े विभिन्न काम, सड़क निर्माण, स्थानीय मंदिरों की देखरेख आदि के काम करती थीं।
जिन क्षेत्रों में भूस्वामी ब्राह्मण नहीं थे वहाँ ‘उर’ नामक ग्राम सभा के होने की बात कही गई है। नगरम् व्यापारियों के एक संगठन का नाम था। सम्भवतः इन सभाओं पर धनी तथा शक्तिशाली भूस्वामियों और व्यापारियों का नियंत्रण था। इनमें बहुत-सी स्थानीय सभाएँ शताब्दियों तक काम करती रहीं।
प्रश्न-18: अभिज्ञानशाकुन्तलम् निम्नलिखित में से किसका प्रसिद्ध नाटक है?
- हरिषेण
- रविकीर्ति
- कालिदास
- बाणभट्ट
व्याख्याः (Option: 3) कालिदास का सबसे प्रसिद्ध नाटक अभिज्ञानशाकुन्तलम् दुष्यंत नामक एक राजा और शकुन्तला नाम की एक युवती की, एक प्रेम कहानी है।
प्रश्न-19: कालिदास के नाटकों की विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: कालिदास अपने नाटकों में राज-दरबार के जीवन के चित्रण के लिये प्रसिद्ध है।
- कथन-2: कालिदास के नाटकों की रोचक विशेषता यह है कि इन नाटकों में राजा और अधिकांश ब्राह्मणों को प्राकृत बोलते हुए जबकि अन्य लोग तथा महिलाओं को संस्कृत बोलते हुए दिखाया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 1) कालिदास अपने नाटकों में राज-दरबार के जीवन के चित्रण के लिये प्रसिद्ध हैं। इन नाटकों में एक रोचक बात यह है कि राजा और अधिकांश ब्राह्मणों को संस्कृत बोलते हुए दिखाया गया है, जबकि अन्य लोग तथा महिलाएँ प्राकृत बोलते हुए दिखाए गए हैं, अतः कथन 2 गलत है।
प्रश्न-20: इस्लाम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: पूर्व पैगम्बर मुहम्मद ने अरब में इस्लाम नामक नए धर्म की शुरुआत की थी।
- कथन-2: अपनी उत्पत्ति के सौ सालों के दौरान इस्लाम उत्तरी अफ्रीका, स्पेन, ईरान और भारत में फैल गया।
- कथन-3: अरब नाविक जो इस उपमहाद्वीप की तटीय बस्तियों से पहले से ही परिचित थे, अब अपने साथ इस नए धर्म को भी ले आए।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 2
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। पैगम्बर मुहम्मद (Prophet Mohammed) द्वारा इस्लाम नामक नए धर्म की शुरुआत लगभग 1400 वर्ष पूर्व की गई थी, जो सौ सालों के दौरान उत्तरी अफ्रीका, स्पेन, ईरान और भारत में फैल गया।
अरब व्यापारी तथा नाविकों ने भारत और यूरोप के बीच समुद्री व्यापार बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अतः वे इस उपमहाद्वीप की तटीय बस्तियों से पहले से ही परिचित थे। इसी आवागमन के क्रम में वे अपने साथ इस नए धर्म को भी ले आए।
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