सामान्य Website एरर और उनका समाधान

किसी वेबसाइट पर जाना वैसे तो आसान है। बस वेबसाइट का नाम टाइम करके या ब्राउज़र बुकमार्क पर क्लिक करते ही आप वहाँ पहुंच जाते हैं। लेकिन कई बार वेबसाइट को खोलने के बाद पेज पर अलग-अलग तरह के अलर्ट नजर आते हैं। कॉमन एरर के नाम से जाने जानी वाली इन गड़बड़ियों में से कुछ हमारे कंट्रोल में नहीं होते लेकिन कुछ का निवारण (Troubleshoot) किया जा सकता है।जानिए इन एरर का क्या मतलब है और इन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है।


सामान्य वेबसाइट त्रुटियां :

किसी भी एरर पेज के पीछे, सर्वर हमें एक HTML कोड भेजता है। जिसका उदेश्ये यूजर को यह समझाना होता है की प्रॉब्लम कहाँ है…?

आइये जानते हैं इन स्टेटस कोड के बारे में :- स्टेटस कोड 3 डिजिट नंबर की फॉर्म में आता है, फर्स्ट डिजिट स्टेटस कोड की एक पर्टिकुलर क्लास डिफाइन करता है और अंतिम 2 डिजिट स्पेसिफिक एरर को।

1XX इसका उद्देश्य इन्फॉर्मेशनल होता है।
2XX सक्सेसफुल होने को बताता है।
3XX रिडिरेक्शन के बारे में बताता है।
4XX क्लाइंट-साइड एरर को रिप्रेजेंट करता है।
5XX सर्वर-साइड एरर को रिप्रेजेंट करता है।

इनमे से पहले के तीन क्लास किसी विषेस एरर को दिखाने के बजाए बेसिक तरिके को रिप्रेजेंट करते है। ऐसा समझा जाता है कि यूजर इन तरीकों से परिचित है और इसी लिए हमें HTML पर केवल एरर-कोड 4XX व 5XX ही देखने को मिलते है।

एरर 400 : (गलत रिक्वेस्ट)

कभी कभी ब्रॉउज़र पर सर्च किया गया डेटा HTTP प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं करता, ऐसे में सर्वर उसे कैटेगराइज करने में असमर्थ हो जाता है और हमें यह एरर 400 देखने को मिलता है। जब आप इसे देखें तो यह जान लें कि क्लाइंट साइड पर कुछ गड़बड़ है। यह कुछ भी हो सकता है जैसे की :- अनप्रोटेक्टेड ऑपरेटिंग सिस्टम, अनसटेबल इंटरनेट कनेक्शन, एक डिफेक्टिव ब्राउज़र या फिर कैशिंग प्रॉब्लम भी हो सकती है।

इसे ठीक करने के लिए अपने सिस्टम को सिक्योर करें एंड उसी वेब-पेज को किसी दूसरे ब्राउज़र में ओपन करें, कैश को क्लियर करें। यदि कई अलग-अलग वेबसाइट के लिए भी वही एरर शो हो रही है तो आपको निश्चित रूप से सिक्योरिटी अपडेट पर ध्यान देना चाहिए।

एरर 401 : ( ऑथेंटिकेशन रिक्वायर्ड)

इसका मतलब है कि किसी पेज को खोलने के लिए ऑथेंटिकेशन की जरूरत है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब वेबसाइट देखने के लिए लोग-इन करना जरूरी हो और आपने न किया हो। एरर देखें तो वेबसाइट के मेन पेज पर जाकर लोग-इन करें।

एरर 403 : ( फोर्बिडन)

इस एरर का अलर्ट तब आता है जब आपकी रिक्वेस्ट तो वैध हो लेकिन सर्वर उसे कम्पलीट नहीं कर रहा हो क्योंकि आपको इसकी अनुमति नहीं है। आम तौर पर ऐसा एरर आने का मतलब है कि संयोग से कोई निजी चूक की है, इसलिए पेज देखने के लिए वेबसाइट एडमिनिस्ट्रेटर से सम्पर्क करना होगा।

एरर 404 : ( नॉट फाउंड)

ब्रोकन लिंक खोलने या यूआरएल गलत टाइप करने पर यह एरर आता है। जब भी यह एरर आये तो चेक करें कि कहीं आपने गलत एड्रेस तो नहीं लिखा है और फिर सही पेज तलाशने के लिए गूगल सर्च करें।

एरर 408 : ( रिक्वेस्ट टाइम-आउट)

जब हम कोई क्वेरी सर्च करते हैं तो सर्वर हमारे लिए रिसोर्स से एक कनेक्शन बनाता है। इस सिक्योर कनेक्शन के माध्यम से हम डेटा का आदान-प्रदान कर पाते हैं। एक साथ बड़ी संख्या में बनाए गए इन कनेक्शन्स को हैंडल करने के लिए सर्वर इन्हे एक निर्धारित टाइम-फ्रेम अलॉट करता है, जिसके दौरान ही हम सर्वर के प्लेटफार्म को एक्सेस कर पाते हैं।

कई बार कुछ कारणों से हमारी रिक्वेस्ट इस दी गयी टाइम-फ्रेम में पूरी नहीं हो पाती है, और हमें एरर 408 देखने को मिलती है, यह 404 के जैसे ही है। ऐसा तब होता है जब सर्वर पूरी रिक्वेस्ट को रिसीव नहीं कर पता, या फिर सर्वर या क्लाइंट पर वर्कलोड बढ़ा हुआ हो। कुछ केसेस में सर्वर और क्लाइंट दोनों तरफ प्रॉपर कनेक्शन होने के बाद भी स्पीड स्लो होने की वजह से मैसेज उस टाइम-फ्रेम में नहीं पहुँच पाता और भारी वेब-साइट्स पर हमें ऐसा देखने को मिलता है। इसे दूर करने के लिए हमें पेज को रीलोड करना होगा, या F5 फंशन की दबानी होगी।

एरर 410 : (परमानेंट गॉन)

यह बहुत कुछ 404 से मिलती जुलती है, लेकिन इनके माइनर डिफरेंस को समझने के लिए हमें सर्वर में खासकर गूगल के क्रॉलिंग सिस्टम को समझना होगा। जब हमारे सर्च रिक्वेस्ट से रिलेटेड कोई वेब-पेज टेम्प्ररी तोर पर अन-स्टेबल होता है तो हमें एरर 404 देखने को मिलता है। इसका मतलब है कि हो सकता है अगले 24 घंटों बाद यह ठीक हो जाये। लेकिन जब सर्वर किसी पर्टिकुलर वेब-लिंक के नहीं होने के बारे में निश्चित हो तो वहाँ हमें एरर 410 देखने को मिलता है। इसका मतलब है आपको फिरसे इस लिंक पर आने की जरुरत नहीं है, यह पेज अब आपके लिए उपलब्ध नहीं।

इस वीडियो से आप गूगल के द्वारा 404 और 410 कोड में किये जाने वाले डेफ्रेन्स को समझ सकते है।

एरर 500 : ( इंटरनल सर्वर एरर)

हमारी रिक्वेस्ट पर सर्वर जो भी रेस्पोंस देता है, वो सब लिस्टेड होता है। लेकिन कई बार कुछ अनएक्सपेक्टेड कंडिशंस की वजह से सर्वर क्लाइंट की रिक्वेस्ट को फुलफिल नहीं कर पाता है, और आपको एरर 500 देखने को मिलती है। इसका मतलब है की जब सर्वर साइड पर किसी भी संभावित एरर-कोड के आलावा कोई एरर हो तो डिफाल्ट एरर के तोर पर हमें एरर 500 मिलेगी। 

वैसे तो यह एरर आपके कंट्रोल में नहीं होती है, फिर भी इसे कन्फर्म करने के लिए आप अपने सिस्टम पर कुछ स्टेप्स फॉलो कर सकते है जैसे की :- पेज को रेलोडे करें ( हो सकता है यह एक टेम्पोरोरी एरर हो), अपने ब्राउज़र की कैश को क्लियर करें, कुकीज को डिलीट करें और ब्रॉउज़र को रीस्टार्ट करें। 

इसे सॉल्व करने के लिए आप वेबमास्टर्स से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। यदि आपको अपनी वेबसाइट पर एरर 500 मिल रही है तो यह बेहतर होगा की आप अपने होस्टिंग प्रोवाइडर से कांटेक्ट करें। इसके कारणों में संभव है कि यह एक परमिशन एरर हो, एक corrupt .htaccess फाइल हो, या फिर काफी कम मेमोरी लिमिट हो।

यदि आपके पास एक WordPress साइट है तो यह एरर 500 किसी थर्ड पार्टी प्लगइन की वजह से भी हो सकती है, इसके लिए आपको एक-एक प्लगइन को डीएक्टिवेट करके देखना होगा कि वह कौनसा प्लगइन है।

एरर 502 : ( बैड गेटवे)

जब हम सर्वर को कोई रिक्वेस्ट भेजते हैं तो वह उसे पहले से लिस्टेड सर्वर्स पर भी ढूंढता है। ऐसे में एक सर्वर को दूसरे सर्वर से कनेक्शन बनाना होता है। यदि दोनों सर्वर किसी प्रोटोकॉल से लिए सहमत नहीं होते हैं कि डाटा कैसे भेजना है तो हमें एरर 502 मिलता है। यह तब होता है जब सर्वर-सिस्टम्स में से एक ठीक से कॉन्फ़िगर नहीं हो। इसके लिए अपने होस्टिंग प्रोवाइडर से कांटेक्ट करें।

एरर 503 : (सर्विस टेम्परेरली अन-अवेलेबल)

इस 503 एरर कोड का मतलब है कि इस समय सर्वर आपके लिए अवेलेबल नहीं है। ऐसा टेम्पररी ओवरलोड या फिर सर्वर की प्रस्तावित मेंटेनेंस के कारन होता है। साधारणतया यह एक टेम्पररी कंडीशन है जो अपने आप ठीक हो जाती है।( बैड गेटवे)

इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप यहाँ से Yoast’s SEO blog और यहाँ से moz.com पर जा सकते है।

एरर 504 : ( गेटवे टाइम-आउट)

यह गेटवे टाइमआउट के लिए होता है यानि जिस सर्वर पर वेबसाइट निर्भर है वह उससे तुरंत कम्युनिकेट नहीं कर पा रहा है। ऐसी स्थिति में आप तब तक पेज पर नहीं पहुँच सकते जब तक की वेब-साइट एडमिनिस्ट्रेटर गड़बड़ी को ठीक नहीं कर देता।


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