MCQ on Science: तारे एवं सौर परिवार
तारे एवं सौर परिवार से सम्बंधित प्रश्नों को हम यहाँ देखेंगे। इन प्रश्नों को NCERT की बुक से लिया गया है।
Q&A: तारे एवं सौर परिवार (Question-Answer on Star and Solar Family)
प्रश्न-1: चन्द्रमा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: यह पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपनी अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है।
- कथन-2: इसकी पूर्ण चक्रिका वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक की अवधि 29 दिन से कुछ कम होती है।
- कथन-3: नील आर्मस्ट्रांग के बाद एडविन एल्डरिन चन्द्रमा पर उतरे थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 2)
- कथन 1 सही है। चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है।
- कथन 2 गलत है क्योंकि चन्द्रमा की पूर्ण चक्रिका (Whole Disc) वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है, परंतु एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक की अवधि 29 दिन से कुछ अधिक होती है। बहुत से कैलेण्डरों में इस अवधि को एक माह कहते हैं। पूर्णिमा के पश्चात् प्रत्येक रात्रि को चन्द्रमा का चमकीला भाग घटता चला जाता है, क्योंकि चन्द्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता। हमें वही भाग दिखाई देता है जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। पूर्णिमा के पंद्रहवें दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं पड़ता। इस दिन को अमावस्या कहते हैं। अमावस्या का अगला दिन जब चन्द्रमा का एक छोटा भाग आकाश में दिखता है, वह बालचन्द्र (New Moon Day) कहलाता है।
- 21 जुलाई, 1969 को अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने सबसे पहले चन्द्रमा पर अपने कदम रखे थे। उनके बाद एडविन एल्डरिन चन्द्रमा पर उतरे थे। अतः कथन 3 भी सही है।
प्रश्न-2: तारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: तारे सूर्यास्त होते ही पूर्व में उदित होते हैं तथा सूर्योदय के पहले ही पश्चिम में अस्त हो जाते हैं।
- कथन-2: तारों के बीच की दूरी को प्रकाशवर्ष में व्यक्त किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 2)
- कथन 1 गलत है क्योंकि तारे दिन के समय भी आकाश में होते हैं तथापि, उस समय सूर्य के प्रकाश के कारण ये दिखाई नहीं देते हैं। पृथ्वी के घूर्णन के कारण ये तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते प्रतीत होते हैं।
- तारों के बीच की दूरी को प्रकाशवर्ष में व्यक्त किया जाता है। अतः कथन 2 सही है। प्रकाशवर्ष, प्रकाश द्वारा एक वर्ष में चली गई दूरी है। प्रकाश की चाल 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है। इस प्रकार सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 8 प्रकाश मिनट (लगभग 15 करोड़ किलोमीटर) है।
प्रश्न-3: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन (A): सूर्य पूर्व में उदित तथा पश्चिम में अस्त होता है।
- कारण (R): पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
- (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
- (A) सही है परंतु (R) गलत है।
- (A) गलत है पंरतु (R) सही है।
व्याख्याः (Option: 2)
- विकल्प (b) सही है। सूर्य पूर्व में उदित तथा पश्चिम में अस्त होता है। ऐसा पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमने के कारण होता है।
- पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है। इसका अपने अक्ष पर झुकाव पृथ्वी पर ऋतु-परिवर्तन के लिये उत्तरदायी है। पृथ्वी का यह झुकाव 23.5º है।
- विषुवत वृत्त के तल को पृथ्वी का विषुवतीय तल कहते हैं तथा वह तल जिसमें पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, उसे पृथ्वी का कक्षीय तल कहते हैं। ये दोनों तल एक-दूसरे से 23.5º के कोण पर झुके हैं। इसका तात्पर्य है कि पृथ्वी का अक्ष अपने कक्षीय तल से 66.5º के कोण पर झुका है।
प्रश्न-4: ध्रुव तारे के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: सभी तारे इसकी परिक्रमा करते प्रतीत होते हैं।
- कथन-2: यह पृथ्वी की अक्ष की दिशा में स्थित है।
- कथन-3: यह दक्षिणी गोलार्द्ध से नहीं दिखाई देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। सभी तारे ध्रुव तारे की परिक्रमा करते प्रतीत होते हैं, क्योंकि ध्रुव तारा पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। इसी कारण ध्रुव तारा गति करता प्रतीत नहीं होता है, साथ ही यह दक्षिणी गोलार्द्ध से दिखाई भी नहीं देता है।
प्रश्न-5: पहचाने जाने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामंडल (Constellations) कहते हैं। विभिन्न तारामंडलों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: विख्यात तारामंडल अर्सामेजर को ‘सप्तर्षि’ भी कहते हैं।
- कथन-2: ओरॉयन तारामंडल को ‘शिकारी’ भी कहते हैं।
- कथन-3: कैसियोपिया तारामंडल अंग्रेज़ी के अक्षर W तथा M के बिगड़े रूप जैसा दिखाई देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4)
- उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। प्राचीन काल में मनुष्यों ने आकाश में तारों को पहचानने के लिये तारामंडलों की अभिकल्पना की थी। तारामंडलों की आकृति उन व्यक्तियों की सुपरिचित वस्तुओं के सदृश थी।
- सर्वविख्यात तारामंडलों में से एक अर्सामेजर को सप्तर्षि, बिग डिपर अथवा ग्रेट बीयर भी कहते हैं।
- ओरॉयन आकाश में सर्वाधिक भव्य तारामंडलों में गिना जाता है। इसे शिकारी भी कहते हैं।
- आकाश के उत्तरी भाग में एक अन्य प्रमुख तारामंडल कैसियोपिया है। यह अंग्रेज़ी के अक्षर W अथवा M के बिगड़े (विकृत) रूप जैसा दिखाई देता है।
- सप्तर्षि जैसे उत्तरी गोलार्द्ध के कुछ तारामंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ स्थानों से नहीं दिखाई देते हैं।
- जिन तारों से मिलकर तारामंडल बना होता है, वे सब हमसे समान दूरी पर नहीं होते हैं। वे आकाश में केवल एक ही दृश्य रेखा में होते हैं।
प्रश्न-6: तारों और ग्रहों में अंतर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- कथन-1: तारों का अपना प्रकाश होता है, जबकि ग्रहों में नहीं।
- कथन-2: तारे टिमटिमाते हैं, जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते।
- कथन-3: ग्रहों के सापेक्ष तारों की स्थिति में परिवर्तन होता रहता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 1)
- कथन 1 सही है। तारों में अपना प्रकाश होता है, परंतु ग्रहों में नहीं। ग्रह केवल अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
- तारे टिमटिमाते हैं, जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते। अतः कथन 2 भी सही है।
- कथन 3 गलत है क्योंकि तारों के सापेक्ष सभी ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है, न कि ग्रहों के सापेक्ष तारों की।
प्रश्न-7: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
सूची-I (सौर परिवार के ग्रह) | सूची-II (विशेषता) |
A. बुध | 1. सूर्य का निकटतम ग्रह |
B. शुक्र | 2. रात्रि के आकाश में सबसे अधिक चमकीला ग्रह |
C. बृहस्पति | 3. सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह |
D. अरुण (यूरेनस) | 4. अपने अक्ष पर अत्यधिक झुकाव |
कूट: A : B : C : D
- 1 2 3 4
- 4 3 2 1
- 1 4 3 2
- 2 1 3 4
व्याख्याः (Option: 1)
- सौर परिवार आठ ग्रहों तथा क्षुद्रग्रहों, धूमकेतुओं एवं उल्काओं के झुंड से मिलकर बना है। सूर्य से दूरी के अनुसार ग्रहों के क्रम इस प्रकार हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून।
- बुध सूर्य का निकटतम ग्रह है। यह हमारे सौर परिवार का लघुतम ग्रह है। इसे सूर्योदय के तुरंत पूर्व अथवा तुरंत बाद क्षितिज पर देखा जा सकता है। इसका कोई उपग्रह नहीं है।
- शुक्र ग्रह पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी है। रात्रि के आकाश में यह सबसे अधिक चमकीला ग्रह है। यह कभी-कभी पूर्वी आकाश में सूर्योदय से पूर्व तथा कभी-कभी सूर्यास्त के तुरंत पश्चात् पश्चिमी आकाश में दिखाई देता है। इसलिये इसे प्रायः प्रभात तारा अथवा सांध्य तारा कहते हैं। इसका अपना कोई उपग्रह नहीं है। इसकी अपने अक्ष पर घूर्णन गति ग्रहों की सामान्य गति की दिशा के विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर है।
- बृहस्पति सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह है। यह इतना बड़ा है कि लगभग 1300 पृथ्वी इस ग्रह के भीतर रखी जा सकती हैं। इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 318 गुना है।
- अरुण (यूरेनस) अपनी अक्ष पर अत्यधिक झुका हुआ है। इस कारण यह कक्षीय गति करते समय अपने पृष्ठ पर लुढ़कता-सा प्रतीत होता है। शुक्र की भाँति यूरेनस भी पूर्व से पश्चिम दिशा में घूर्णन करता है।
प्रश्न-8: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये-
- पृथ्वी : नीली
- मंगल : लाल
- शनि : पीला
ग्रहों और उनके रंग के उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4)
- अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी के पृष्ठ पर जल तथा भूमि se प्रकाश के परावर्तित होने के कारण वह नीली-हरी प्रतीत होती है। पृथ्वी का केवल एक ही उपग्रह (चंद्रमा) है।
- मंगल हल्का रक्ताभ प्रतीत होता है, इसलिये इस ग्रह को लाल ग्रह भी कहते हैं। मंगल के दो छोटे प्राकृतिक उपग्रह हैं।
- शनि रंग में पीला-सा प्रतीत होता है। इस ग्रह के चारों ओर के वलय इसे सौर परिवार में अद्वितीय बनाते हैं। ग्रहों में ये सबसे कम सघन है। इसका घनत्व जल के घनत्व से भी कम है।
प्रश्न-9: निम्नलिखित कृत्रिम उपग्रहों में से कौन-सा भारत द्वारा प्रमोचित पहला उपग्रह था?
- आर्यभट्ट
- कल्पना-1
- एडुसैट (EDUSAT)
- इन्सैट (INSAT)
व्याख्याः (Option: 1) भारत ने बहुत से कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण तथा प्रमोचन किया है। आर्यभट्ट भारत का प्रथम उपग्रह था।
प्रश्न-10: क्षुद्रग्रह (Asteroids), धूमकेतु (Comets) तथा उल्का (Meteors) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच में उपस्थित हैं।
- कथन-2: धूमकेतु परवलीय कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- कथन-3: उल्का को टूटता तारा या शूटिंग स्टार कहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4)
- उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। मंगल तथा बृहस्पति की कक्षाओं के बीच काफी बड़ा अंतराल है। इस अंतराल को बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे पिंडों ने घेर रखा है, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, इन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं।
- धूमकेतु परवलीय कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इनका परिक्रमण काल सामान्यतः बहुत अधिक होता है। समान्यतः धूमकेतु चमकीले सिर तथा लंबी पूँछ वाले होते हैं। जैसे-जैसे कोई धूमकेतु सूर्य के समीप आता जाता है, इसकी पूँछ आकार में बढ़ती जाती है। किसी धूमकेतु की पूँछ सदैव ही सूर्य से परे होती है।
- कभी आकाश में प्रकाश की एक चमकीली धारी देखी जाती है, जिसे टूटता तारा या शूटिंग स्टार कहते हैं, परंतु ये तारा नहीं होता, इसे उल्का कहते हैं। उल्का सामान्यतः छोटे पिंड होते हैं जो यदा-कदा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं तथा वायुमंडलीय घर्षण के कारण तप्त होकर जल उठते हैं तथा चमक के साथ शीघ्र ही वाष्पित हो जाते हैं। कुछ उल्काएँ आकार में बड़ी होने के कारण पूर्णतः वाष्पित होने से पूर्व ही पृथ्वी पर पहुँच जाती हैं। ऐसा पिंड जो पृथ्वी पर पहुँचता है, उल्का पिंड (Meteorite) कहलाता है। जब पृथ्वी किसी धूमकेतु की पूँछ को पार करती है तो उल्काओं के झुंड दिखाई देते हैं। इन्हें उल्कावृष्टि कहते हैं।
प्रश्न-11: सूर्य पृथ्वी का निकटतम तारा है। सूर्य के पश्चात् दूसरा निकटतम तारा निम्नलिखित में से कौन-सा है?
- सीरियस (Sirius)
- ध्रुवतारा (Pole Star)
- अल्फा सेन्टॉरी (Alpha Centauri)
- इनमें से कोई नहीं
व्याख्याः (Option: 3)
- सीरियस (लुब्धक) आकाश में सबसे अधिक चमकीला तारा है जो ओरॉयन तारामंडल के निकट दिखाई देता है।
- ध्रुव तारा एक ऐसा तारा है जो पृथ्वी की अक्ष की दिशा में स्थित है। यह अधिक चमकीला नहीं है। इसे सप्तर्षि तारामंडल की सहायता से आसानी से पहचाना जा सकता है।
- अल्फा सेन्टॉरी तीन तारों से मिलकर बना पृथ्वी का दूसरा निकटतम तारा (तारा तंत्र) है। ये 3 तारे हैं-
- अल्फा सेन्टॉरी A
- अल्फा सेन्टॉरी B
- अल्फा सेन्टॉरी C अथवा प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी
- इनमें अल्फा सेन्टॉरी A तथा B चमकीले, जबकि प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी कम चमकीला तारा है। इन तीनों तारों में प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी पृथ्वी के सबसे निकट है। ये तीनों सामान्यतः देखने पर एक ही दिखाई देते हैं तथा मिलकर सीरियस और कैनोपस (Canopus) के बाद तीसरा सबसे चमकीला तारा बनते हैं।
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