MCQ on History: सुदूर दक्षिण में इतिहास का आरम्भ
हम यहां इतिहास के विषय “सुदूर दक्षिण में इतिहास का आरम्भ” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल प्राचीन भारत (रामशरण शर्मा) की किताब से लिए गए हैं। एग्जाम की दृस्टि से इनका अपना महत्व तो है ही, साथ ही यह आपकी समझ को भी और ज्यादा स्पष्ट करेगा।
Q&A: सुदूर दक्षिण में इतिहास का आरम्भ (Question and Answer on History begins in the far south)
प्रश्न-1: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: महापाषाण कब्रों में वस्तुओं के साथ त्रिशूल भी पाए जाते हैं।
- कथन-2: इन कब्रों में खेती के औज़ार मृतक के साथ दफनाए जाते थे।
- कथन-3: प्रायद्वीपीय भारत में काले व लाल मृद्भांड का प्रचलन अधिक था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 1
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3)
- महापाषाण कब्रों में वस्तुओं के साथ त्रिशूल भी रखा जाता था जिसका संबंध बाद में शिव के साथ जुड़ गया। अतः कथन (1) सत्य है।
- महापाषाण कब्रों में तथा प्रायद्वीपीय भारत की कब्रों में खेती के औजार कम मात्रा में दफनाए जाते थे, इसमें युद्ध और शिकार के हथियार अधिक होते थे। इससे संकेत मिलता है कि महापाषाणिक लोग उन्नत खेती नहीं करते थे। अतः कथन (2) असत्य है।
- प्रायद्वीपीय भारत में कई तरह के मृद्भाण्डों का प्रयोग किया जाता था, जिनमें लाल मृद्भांड भी शामिल है। परंतु काले व लाल मृद्भांड उन लोगों में अधिक प्रचलित थे। अतः कथन (3) सत्य है।
प्रश्न-2: अशोक के अभिलेखों में निम्नलिखित शासकों में से किसका उल्लेख मिलता है?
- चोल
- पांड्य
- चेर
- उपर्युक्त सभी
व्याख्याः (Option: 4, उपर्युक्त सभी) अशोक के अभिलेखों में चोल, पांड्य और चेर (केरलपुत्र) शासकों के उल्लेख मिलते हैं।
प्रश्न-3: महापाषाणिक लोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: दक्षिणी तमिल प्रदेश में कलश शवाधान प्रचलित था।
- कथन-2: अशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ चेर राजा ने अपनाई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 1)
- तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िलों में रहने वाले महापाषाणिक लोगों द्वारा मृतक के अस्थिपंजर को लाल कलश में डालकर गड्ढों में दफनाए थे; यही कलश शवाधान कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- अशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ एक तमिल राजा ने अपनाई थी। अतः कथन (2) असत्य है।
प्रश्न-4: पांड्य राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः कथनों में कौन-से सत्य है/हैं?
- कथन-1: यह सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अवस्थित था।
- कथन-2: इसकी राजधानी महाबलीपुरम थी।
- कथन-3: इसे मोतियों का देश कहा जाता था।
- कथन-4: यहाँ का समाज मातृसत्तात्मक था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1, 3 और 4
- 1, 2, 3 और 4
व्याख्याः (Option: 3)
- पांड्य राज्य भारतीय प्रायद्वीपीय के सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अवस्थित था। इसमें तमिलनाडु के आधुनिक तिन्नवेल्ली, रामनद और मदुरा ज़िले शामिल हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी मदुरा थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- पांड्यों का उल्लेख सर्वप्रथम मेगास्थनीज़ ने किया है। और उसने इसे मोतियों का देश कहा है। अतः कथन (3) सत्य है।
- मेगास्थनीज (Megasthenes) के अनुसार पांड्य राज्य में शासन स्त्री के हाथों में थी जिससे यह लक्षित होता है कि पांड्य समाज में कुछ मातृसत्तात्मक प्रभाव था। अतः कथन (4) सत्य है।
प्रश्न-5: निम्नलिखित में किस राजवंश ने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भेजे?
- चोल
- चेर
- पांड्य
- राष्ट्रकूट
व्याख्याः (Option: 3) पांड्य राजाओं ने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भेजे। उल्लेखनीय है कि यह राज्य रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार में लाभ की स्थिति में था जिससे यह धनवान और समृद्ध था।
प्रश्न-6: चोल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: चोल राज्य पेन्नार और वेलार नदियों के बीच पांड्य राज्य क्षेत्र के पूर्वोत्तर में स्थित था।
- कथन-2: उनकी राजधानी ‘पुहार’ थी।
- कथन-3: चोल राजा एलारा ने ‘पुहार’ की स्थापना की थी।
- कथन-4: एलारा ने श्रीलंका को जीतकर पचास वर्षों तक शासन किया था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1 और 2
- केवल 2
- केवल 1, 2 और 4
- 1, 2, 3 और 4
व्याख्याः (Option: 3)
- चोल राज्य पेन्नार और वेलार नदियों के बीच पांड्य राज्य क्षेत्र के पूर्वोत्तर में स्थित था। यह मध्यकाल के आरंभ में चोलमंडलम् (कोरोमंडल) कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी ‘पुहार’थी जिसकी पहचान कावेरीपट्टनम से की गई है। अतः कथन (2) सत्य है।
- पुहार की स्थापना दूसरी सदी के प्रख्यात चोल राजा कारैकाल ने की थी। अतः कथन (3) असत्य है।
- ईसा-पूर्व दूसरी सदी के मध्य में एलारा नामक चोल राजा ने श्रीलंका को जीतकर पचास वर्षों तक शासन किया था। अतः कथन (4) सत्य है।
प्रश्न-7: चोल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: उनकी राजनीतिक सत्ता का केंद्र उरैयूर था।
- कथन-2: उरैयूर सूती कपड़ों के व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था।
- कथन-3: उनके पास कुशल नौसेना थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- उरैयूर उनकी राजनीतिक सत्ता का केंद्र था।
- यह सूती कपड़े के व्यापार के लिये प्रसिद्ध था चूँकि चोलों के वैभव का मुख्य स्रोत सूती कपड़े का व्यापार था।
- उनके पास कुशल नौसेना थी।
प्रश्न-8: चेर राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: चेर राज्य पांड्य राज्य के उत्तर-पश्चिम में स्थित था।
- कथन-2: चेर राजा सेंगुट्टुवन को लाल या भला चेर कहा जाता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- चेर या केरल देश पांड्य क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम में स्थित था जो आधुनिक केरल राज्य और तमिलनाडु के बीच एक सँकरी पट्टी के रूप में था। अतः कथन (1) सत्य है।
- चेर राजा सेंगुट्टुवन को लाल या भला चेर भी कहा जाता था। अतः कथन (2) भी सत्य है।
प्रश्न-9: सुदूर दक्षिण राज्यों के व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: इनका व्यापार गोल मिर्च, हाथी दाँत और मोतियों की मांग के कारण समृद्ध था।
- कथन-2: इनका व्यापार केवल पश्चिम में यूनान और अरब राज्यों के साथ होता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 1)
- इन राज्यों का व्यापार पश्चिम के साथ गोल मिर्च की मांग, हाथी दाँत और समुद्र से प्राप्त मोतियों के कारण लाभ की स्थिति में था, अतः कथन (1) सत्य है।
- इनका व्यापार एक ओर यूनानी या मिस्र के हेलेनिस्टिक राज्य और अरब के साथ तथा दूसरी ओर मलय द्वीपसमूह तथा चीन के साथ व्यापारिक संबंध थे। अतः कथन (2) असत्य है।
प्रश्न-10: निम्नलिखित में कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
सूची-I (उपाधि) | सूची-II (संबंधित वर्ग) |
वल्लाल | धनी किसान |
अरसर | शासक वर्ग |
कडैसियर | खेत मजदूर |
कूटः
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) सभी युग्म सही सुमेलित हैं
प्रश्न-11: तमिल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: पांड्य राज्य में अश्व पश्चिमोत्तर भारत से स्थल मार्ग द्वारा मंगवाए जाते थे।
- कथन-2: ‘एनाडि’ की उपाधि सेनाध्यक्षों को दी जाती थी।
- कथन-3: परियार लोग चर्म का कार्य करने वाले खेत मजदूर थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3)
- पांड्य राज्य में अश्व समुद्र के रास्ते से मंगवाए जाते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- ‘एनाडि’ की उपाधि सेनाध्यक्षों को औपचारिक अनुष्ठान के साथ दी जाती थी। अतः कथन (2) सत्य है।
- परियार लोग खेत मजदूर थे, साथ ही ये लोग पशु चर्म का कार्य भी करते थे, और चटाई के रूप में इनका इस्तेमाल करते थे। अतः कथन (3) सत्य है।
प्रश्न-12: संगम साहित्य (Sangam literature) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: संगम सम्मेलन का आयोजन पुहार राजाश्रय में होता था।
- कथन-2: आख्यानात्मक ग्रंथों को वीरगाथा काव्य कहते हैं।
- कथन-3: संगम साहित्य आख्यानात्मक और उपदेशात्मक में बँटा हुआ था, इनमें आख्यानात्मक ‘कीलकणक्कु’ और उपदेशात्मक ‘मेलकणक्कु’ कहलाते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1 और 2
- केवल 2
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 2)
- संगम तमिल कवियों का संघ या सम्मेलन है, जो मदुरै में राजाश्रय में आयोजित होते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- संगम साहित्य में आख्यानात्मक ग्रंथों को वीरगाथा काव्य कहते हैं, जिसमें वीर पुरुषों की कीर्ति और युद्धों का वर्णन किया गया है। अतः कथन (2) सत्य है।
संगम को मोटे तौर पर दो समूहों में बाँटा जा सकता है-आख्यानात्मक और उपदेशात्मक। आख्यानात्मक ग्रंथ मेलकणक्कु अर्थात् अठारह मुख्य ग्रंथ और उपदेशात्मक ग्रंथ कीलकणक्कु अर्थात् अठारह लघु ग्रंथ कहलाते हैं। अतः कथन (3) असत्य है।
प्रश्न-13: संगम राज्यों की धार्मिक संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: राजा वैदिक यज्ञ करते थे।
- कथन-2: शवदाह की प्रथा आरम्भ हुई।
- कथन-3: इन राज्यों में स्थानीय देवता मुरूगन थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- तमिल देश में ईसा सन् की आरंभिक सदियों में जो राज्य स्थापित हुए थे उनका विकास ब्राह्मण संस्कृति के प्रभाव से हुआ। राजा वैदिक यज्ञ करते थे, अतः कथन (1) सत्य है।
- इस काल में इन राज्यों में शवदाह की प्रथा आरम्भ हुई, परंतु महापाषाण अवस्था से चली आ रही दफनाने की प्रथा भी चलती रही। अतः कथन (2) सत्य है।
- पहाड़ी प्रदेशों के लोगों के मुख्य स्थानीय देवता मुरुगन थे, जो आरम्भिक मध्यकाल में सुब्रामनियम या सुब्रह्मण्यम कहलाने लगे। अतः कथन (3) सत्य है।
प्रश्न-14: निम्नलिखित में ‘वीरकल’ किसे कहा जाता था?
- मंदिर
- औजार
- स्मारक
- हथियार
व्याख्याः (Option: 3) स्मारक को वीरकल कहा जाता था, चूँकि गाय या अन्य वस्तुओं के लिये लड़कर मरने वाले वीरों के सम्मान में वीरकल अर्थात् स्मारक-स्वरूप प्रस्तर खड़ा किया जाता था।
प्रश्न-15: संगम ग्रंथों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- कथन-1: ‘तोलकाप्पियम’ व्याकरण और अलंकार शास्त्र का ग्रंथ है।
- कथन-2: ‘तिरुकुरल’ में दार्शनिक विचार और सूक्तियाँ हैं।
- कथन-3: सिलप्पदिकारम प्रसिद्ध महाकाव्य है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4)
- संगम साहित्य तोलकाप्पियम ग्रंथ व्याकरण और अलंकार शास्त्र कहलाता है। अतः कथन (1) सत्य है।
- तिरुकुरल में दार्शनिक विचार और सूक्तियाँ हैं। अतः कथन (2) सत्य है।
- तमिल काव्य में दो प्रसिद्ध महाकाव्य हैं जिनके नाम हैं- सिलप्पदिकारम और मणिमेकलै। इन दोनों की रचना ईसा की छठी सदी के आसपास हुई। अतः कथन (3) सत्य है।
उल्लेखनीय है कि सिलप्पदिकारम एक प्रेमकथा है जिसमें कोवलन नामक व्यापारी और माधवी नामक गणिका के प्रेम-प्रसंग का वर्णन है। मणिमेकलै में कोवलन और माधवी की कन्या के साहसिक जीवन का वर्णन किया गया है।
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