कंप्यूटर प्रोटोकॉल (Computer Protocol)
प्रोटोकॉल का शाब्दिक अर्थ “नियमों का एक समूह” है। इसे शुरू में राजनीतिक और राजकीय कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए मानक तरीकों/नियमों को लागू करने के लिए, एक समग्र/सयुंक्त शब्द के रूप में पेश किया गया था।
कंप्यूटर प्रोटोकॉल (computer protocol):
कंप्यूटर की भाषा में भी प्रोटोकॉल “नियमों का एक समूह” ही है। जिसका उपयोग विभिन्न कार्यों को करने के लिए पूर्वनिर्धारित नियमों के रूप में किया जाता है। एक कंप्यूटर प्रोटोकॉल अदृश्य नियमों का एक समूह है जो एक इंटरनेट दस्तावेज़ को आपकी स्क्रीन पर प्रसारित करने के तरीके को नियंत्रित करता है।
प्रोटोकॉल में शामिल दर्जनों प्रोग्राम, नियमों के रूप में बैकग्राउंड में काम करते रहते हैं। यूजर को पता ही नहीं होता की किसी फाइल को डाउनलोड या एक्सेस करने के लिए उसने कितने सारे नियमों को फॉलो किया है। कंप्यूटर प्रोटोकॉल, इंटरनेट पर कुछ इस तरह से काम करता है, जैसे की एक बैंक आपके पैसों को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न तरह के पदों पर विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए कई कर्मचारियों को नियुक्त करता है।
प्रत्येक प्रोटोकॉल की अपनी एक अलग विधि होती है। जिसका उपयोग कई तरह की प्रक्रियाओं को सँभालने में किया जाता है। जैसे-
- डाटा को किस फॉर्मेट में नेटवर्क पर भेजना है।
- रिसीव किए गए डेटा के साथ क्या करना है।
- डेटा की साइज को छोटा करने के लिए उसे कैसे कंप्रेस (compress) किया जाएगा।
- डेटा में त्रुटियों की जांच कैसे की जाएगी आदि।
कंप्यूटर प्रोटोकॉल के प्रकार (Types of Internet Computer Protocols):
इंटरनेट पर किसी डॉक्यूमेंट और वेबसइट को एक्सेस करने के दौरान, ब्राउज़र के एड्रेस बार में URL में दिखने वाले खास अक्षरों “://” के ठीक पहले हमें प्रोटोकॉल का प्रकार लिखा हुआ मिलता है। उदहारण के लिए यूआरएल ” https://visionofwisdom.com/” में लिखा “Https” एक प्रोटोकॉल का साधारण सा प्रकार है। इस तरह से इंटरनेट कंप्यूटर प्रोटोकॉल के और भी उदाहरण हैं। जैसे-
- http: (Hypertext Transfer Protocol) हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल।
- https: (Hypertext Transfer Protocol Secured) हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर्ड।
- TCP/IP: (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल।
- Ftp: (File Transfer Protocol) फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल।
- IMAP: (Internet Message Access Protocol) इंटरनेट मैसेज एक्सेस प्रोटोकॉल।
- POP: (Post Office Protocol) पीओपी: पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल।
- SMTP: (Simple Mail Transfer Protocol) सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल।
- telnet: (Terminal Network protocol) टेलनेट: टर्मिनल नेटवर्क प्रोटोकॉल।
- UDP: (User Datagram Protocol) यूडीपी: यूजर डाटाग्राम प्रोटोकॉल।
- nntp: (Network News Transfer Protocol) नेटवर्क न्यूज़ ट्रांसफर प्रोटोकॉल।
- MAC: (Media Access Control protocol) मैक: मीडिया एक्सेस कंट्रोल प्रोटोकॉल।
- DNS: (Domain Name System protocol) डोमेन नेम सिस्टम प्रोटोकॉल।
- DHCP: (Dynamic Host Configuration Protocol) डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल।
डेटा के प्रकार के आधार पर विभिन्न प्रोटोकॉल्स को डिज़ाइन किया गया है। अर्थात, जैसा डाटा वैसे नियम। इसे दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि प्रोटोकॉल को देख कर हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह के डेटा को एक्सेस किया जा रहा है।
कंप्यूटर प्रोटोकॉल वेब सर्फिंग को कैसे प्रभावित करते हैं (How Computer Protocols Affect Web Surfing )?
संभवतः सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल टीसीपी / आईपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल) है जिसका उपयोग इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कंप्यूटर के संचार को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। HTTP (जो कि वर्ल्ड वाइड वेब (इंटरनेट) पर डेटा प्रसारित करने के लिए उपयोग किया जाता है), टीसीपी / आईपी द्वारा ही काम में लिया जाता है।
यद्यपि, कंप्यूटर प्रोटोकॉल प्रोग्रामर और एडमिनिस्ट्रेटर के लिए गुप्त और तकनीकी ज्ञान हो सकते हैं। प्रोटोकॉल वास्तव में अधिकांश उपयोगकर्ताओं के लिए केवल गैरजरूरी और काल्पनिक ज्ञान हैं। फिर भी इंटरनेट में इसका बहुत अधिक महत्त्व है।
इंटरनेट में फिजिकली बहुत सारी डिवाइसें एक साथ काम करती हैं। हर रोज, इन सभी से होकर बहुत सा डेटा ट्रैफिक गुजरता है। यह प्रोटोकॉल ही हैं जो इस काम को बिलकुल सटीक और सही समय पर करवा पाते हैं। इसके बारे में हम फिर कभी डिटेल में पढ़ेंगे।
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