Computer Output Devices
कंप्यूटर हार्डवेयर की श्रेणी में अब तक हमने कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस के बारे में पढ़ा है, इस चेप्टर में हम कंप्यूटर की आउटपुट डिवाइसों को आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।
आउटपुट डिवाइस की आवश्यकता:
कंप्यूटर ऐसी मशीन है, जो मानव की भाषा को सीधे-सीधे नहीं समझता है। यह उसे मशीनी भाषा में बदलकर प्रोसेस करता है जिसे मनुष्य के लिए समझना काफी मुस्किल है। ऐसे में प्रोसेस की गयी जानकारी को, फिरसे मानवीय भाषा में उपलब्द करवाने के लिए हमें आउटपुट डिवाइसों की जरुरत पड़ती है।
आउटपुट डिवाइस की परिभाषा:
- वे डिवाइस को कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किए गए डाटा एवं निर्देशों को मानव द्वारा समझने योग्य भाषा या संकेतों में बदलकर उपलब्द करवाते हैं, आउटपुट डिवाइस कहलाती हैं।
- वे डिवाइस जिनके द्वारा प्रोसेस की गई सूचना को, यूजर के लिए उपलब्द करवाया जाता है, आउटपुट डिवाइस कहलाती हैं।
आउटपुट डिवाइस की मुख्य विशेषताएं:
- वे कंप्यूटर हार्डवेयर का हिस्सा हैं और कंप्यूटर और उपयोगकर्ता के बीच कनेक्शन की अनुमति देते हैं।
- वे कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को उपयोगकर्ता के लिए समझने योग्य भाषा में अनुवादित करते हैं।
- वे जानकारी को चित्र, ऑडियो या वीडियो प्रारूप में प्रस्तुत करते हैं।
- वे उपयोगकर्ता के लिए सुलभ हैं और उन्हें वायरलेस तरीके से या केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है।
- इन्हें तकनीकी विकास के अनुसार आधुनिक बनाया और अद्यतन किया जाता है।
- इन्हें आमतौर पर ऑडियो आउटपुट डिवाइस और इमेज आउटपुट डिवाइस में वर्गीकृत किया जाता है।
आउटपुट डिवाइस की कार्य-शैली:
आउटपुट डिवाइस निम्नानुसार तीन क्रमागत चरणों में काम करती हैं –
- कंप्यूटर की प्रोसेसिंग यूनिट द्वारा प्रोसेस की गयी जानकारी को उसकी भाषा (लो-लेवल लेंग्वेज) में ग्रहण करना।
- जरूरत के अनुसार निर्देशों को लागु करने तथा उनसे हुए बदलाव को, यूजर के लिए प्रदर्शित करना।
- हाई-लेवल लेंग्वेज में बदलकर सूचना को यूजर तक पहुँचाना।
(नोट : हाई-लेवल लेंग्वेज कंप्यूटर की सहायक भाषा है जो मनुष्य द्वारा बोली जाने वाली भाषा के लगभग समान सेंटेक्स में लिखी जाती है। कंप्यूटर की आधार भाषा (बाइनरी) सें ऊपर उठकर मनुष्य की भाषा के ज्यादा करीब होने सें इनको “हाई-लेवल लेंग्वेज” कहा जाता है।)
आउटपुट डिवाइस के प्रकार:
आउटपुट डिवाइसों के कुछ उदहारण इस प्रकार हैं – डिस्प्ले (मॉनिटर), प्रिंटर, प्लॉटर, हेडफोन, स्पीकर, प्रोजेक्टर आदि।
मॉनिटर / डिस्प्ले (Monitor/Display)
मॉनिटर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है क्योंकि यह विज़ुअल आउटपुट डिवाइस है। इसके बिना कंप्यूटर अधूरा है। इसलिए इसे प्राथमिक आउटपुट डिवाइस भी कहा जाता है।
- मॉनिटर को प्रतीकात्मक और ग्राफ़िकल प्रकारों में जानकारी प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सभी डेटा और जानकारी को अपनी स्क्रीन पर उस डेटा की सॉफ्ट कॉपी के रूप में दिखाता है।
- मॉनिटर के माध्यम से कोई भी व्यक्ति वास्तविक समय में फ़ाइलें, फ़ोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ग्राफ़िक्स और टेबल देख सकता है।
मॉनिटर का वर्गीकरण निम्न दो आधारों पर किया गया है–
- रंग (कलर) के आधार पर वर्गीकरण
- मोनोक्रोम मॉनिटर (एकल कलर वाले ब्लेकिन-वाइट)
- ग्रे-स्कैल (मोनोक्रोम लेकिन ग्रे-शेडो के साथ)
- कलर मोनिटर (RGB के कॉम्बिनेशन से बने बहुत सारे रंगों वाले)
- डिजाईन तकनीक के आधार पर वर्गीकरण
- CRT (कैथोड रे ट्यूब)
- LCD (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले)
- LED (लाइट एमिटिंग डायोड)
- गैस प्लाज्मा डिस्प्ले
मॉनिटर सें जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु–
- पिक्सेल : स्क्रीन पर दिखने वाला पिक्चर जिन छोटे-छोटे बिंदुओं से मिलकर बना होता है इन बिंदुओं को ही पिक्सल कहते हैं।
- रेसोल्यूशन : Resolution का अर्थ है मॉनिटर की स्क्रीन का हॉरिजॉन्टल व वर्टीकल का गुणनफल। इसका साधारण अर्थ यह है कि यह एक इकाई क्षेत्रफल में उपस्थित पिक्सल की संख्या होती है। रेगुलेशन को डॉट पर इंच में मापा जाता है रेगुलेशन किसी भी पिक्चर में कितने पिक्सल है। यह बताता है जितने ज्यादा रेसोल्यूशन होगा उतने ही स्पष्ट पिक्चर नजर आएगी क्योंकि ज्यादा रेसोल्यूशन होने से पिक्सल उतने ही पास पास होंगे।
- अस्पेक्ट रेश्यो : एस्पेक्ट रेशों का अर्थ है मॉनिटर के स्क्रीन की चौड़ाई व ऊंचाई का अनुपात क्या है, वही एस्पेक्ट रेशों होता है। अधिकांश मॉनिटर का एस्पेक्ट रेशों 16:9 होता है।
प्रिंटर (Printer)
प्रिंटर एक ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर से टेक्स्ट और ग्राफ़िक डेटा लेता है और जानकारी को कागज़ पर स्थानांतरित करता है।
प्रिंटर द्वारा प्राप्त आउटपुट को हार्ड-कॉपी कहा जाता है। यह स्क्रीन पर दिख रही सॉफ्ट कॉपी को कागज पर प्रिंट करके, हार्ड-कॉपी के रूप में उपलब्ध करवाता है।
प्रिंटर का वर्गीकरण
- इम्पेक्ट प्रिंटर (प्रिंट हैड और कागज के मध्य सीधा संपर्क होता है)
- डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर (कई डॉट मिलकर एक अक्षर प्रिंट करते हैं)
- डेज़ी व्हील प्रिंटर (एक बार में एक अक्षर प्रिंट करता है)
- लाइन प्रिंटर (एक बार में एक लाइन प्रिंट करता है)
- चैन प्रिंटर
- ड्रम प्रिंटर
- बैड प्रिंटर
- नॉन-इम्पेक्ट प्रिंटर (प्रिंट हैड और कागज के मध्य संपर्क नहीं होता है)
- लेज़र प्रिंटर
- इंकजेट प्रिंटर
- थर्मल प्रिंटर
प्रिंटर से जुड़ी महत्पूर्ण शब्दावली
- DPI (डॉट पर इंच)
- DTP (डेस्क-टॉप-पब्लिशिंग)
- इंक-कार्ट्रिज (इंकजेट-प्रिंटर में काम आती है)
- टोनर-कार्ट्रिज (लेज़र-प्रिंटर में काम आती है)
- CPM (करेक्टर पर मिनट)
- LPM (लाइन पर मिनट)
- PPM (पेज पर मिनट)
प्लॉटर (Plotter)
प्लोटर भी प्रिंटर के सामान किन्तु बड़े प्रोजेक्ट के लिए, एक आउटपुट डिवाइस है। इन्हें अच्छी क्वालिटी के ग्राफिक्स एवं डिजाइन में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ग्राफिक्स या डिजाइन बनाने के लिए इंकपेन या इंकजैट का प्रयोग किया जाता है।
स्पीकर (Speaker)
स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल किसी भी तरह के ऑडियो या वीडियो-क्लिप को सुनने के लिए किया जाता है। स्पीकर को चलाने के लिए साउंड कार्ड (Sound Card) की ज़रूरत पड़ती है।
प्रोजेक्टर (Projector)
प्रोजेक्टर एक तरह का आउटपुट डिवाइस है जो वीडियो या चित्र को बड़े स्क्रीन या दीवार पर डिस्प्ले करने में मदद करता है। सरल शब्दो में कहे तो “प्रोजेक्टर एक ऑप्टिकल डिवाइस है जिसके द्वारा हम वीडियो या इमेज को बहुत बड़े साइज में दिखा सकते है।”
आपको कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस पर हमारा यह आर्टिकल केसा लगा, अपनी राय निचे कमेंट में लिख भेजें।