Computer Input-Devices

कंप्यूटर हार्डवेयर में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इनपुट डिवाइस, इनके बारे में हम इस चेप्टर में डिटेल में जानेगे।

इनपुट डिवाइस की जरुरत

कंप्यूटर ऐसी मशीन है, जो मानव की भाषा को नहीं समझता है, यह मशीनी भाषा (Machine Language) या बाइनरी (Binary Language) को ही समझता है। जबकि यूजर कम्प्यूटर में डाटा, सूचना एवं निर्देश (Data, Information & Instruction) मानवीय भाषा अर्थात् हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Language) में देता है। कंप्यूटर को इनपुट दिए जाने से पहले मानवीय भाषा के डाटा एवं निर्देशों को मशीन लैंग्वेज या बाइनरी भाषा में बदलना आवश्यक है।

इनपुट डिवाइस की परिभाषा

  • वे डिवाइस जो यूजर द्वारा मानवीय भाषा में दिए गए डाटा एवं निर्देशों को कम्प्यूटर को समझने योग्य भाषा (Machine Language या Binary Language) में बदलते हैं, इनपुट डिवाइस (Input Device) कहलाते हैं।
  • वे डिवाइस जिनके द्वारा डेटा एवं निर्देश  कम्प्यूटर में एंटर (Enter) किए जाते हैं, इनपुट डिवाइस  कहलाते हैं।

इनपुट डिवाइस की कार्य-शैली

इनपुट डिवाइस निम्नानुसार तीन क्रमागत चरणों में काम करती हैं –

  1. यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों को उसकी भाषा (हाई लेवल लैंग्वेज) में ग्रहण करना।
  2. इन इनपुट किए गए डेटा अथवा निर्देशों को कंप्यूटर के समझने योग्य भाषा (मशीनी या बाइनरी) में बदलना।
  3. मशीनी भाषा में बदले गए निर्देशों को प्रोसेसिंग डिवाइस तक पहुँचाना।

(नोट : मशीनी भाषा को “लो-लेवल लैंग्वेज” भी कहते हैं।)

इनपुट डिवाइस का वर्गीकरण

इनपुट डिवाइस को मुख्यत: दो भागों में बांटा जा सकता है – (उपयोगिता के आधार पर)

प्राथमिक इनपुट डिवाइस : वे डिवाइस, जो कंप्यूटर के संचालन के लिए बहुत जरुरी होती हैं। अर्थात जिनके बिना कंप्यूटर चल नहीं सकता, प्रथिमिक इनपुट डिवाइस (स्टैण्डर्ड इनपुट डिवाइस) कहलाती हैं। जैसे – कीबोर्ड और माउस।

द्वितीयक इनपुट डिवाइस : वे डिवाइस, जो कंप्यूटर के संचालन हेतु बहुत जरुरी नहीं होती हैं। अर्थात जिनके बिना भिया कंप्यूटर चल सकता हैं। लेकिन इनका उपयोग कुछ अलग काम करने के लिए किया जाता है। जैसे – स्कैनर, वेब-कैमरा।

कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाली कुछ प्रमुख इनपुट डिवाइसों के नाम इस प्रकार हैं-

कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, ट्रैकबॉल, ज्योस्टिक, लाइट पेन, टच स्क्रीन, कैमरा, डिजिटाइज़र, बायोमेट्रिक, सेंसर मशीन आदि।

माउस एक प्राथमिक इनपुट डिवाइस है। माउस का आविष्कार डगलस सी. इंजेलबर्ट ने 1964 में किया था। माउस को पॉइंटिंग एण्ड ड्रॉ डिवाइस भी कहा जाता है।

Mouse
Mouse

माउस पर तीन बटन होते हैं-

  • लेफ्ट बटन : यह बटन Mouse के बायीं ओर स्थित होता है। क्लिक, डबल क्लिक, पॉइंट और ड्रो आदि कार्यों को करने के लिए यह बटन काम आता है।
  • राईट बटन : यह बटन माउस के दायीं ओर स्थित होता है तथा किसी ऑब्जेक्ट की प्रोपर्टीज को एक्सेस करने हेतु तथा डायलॉग बॉक्स (Dialogue Box) खोलने हेतु प्रयुक्त होता है।
  • स्क्रॉल व्हील : यह बटन बीच में एक पहिये के रूप में होता है। इसकी सहायता सें की पेज पर स्क्रीन को ऊपर-निचे स्क्रॉल किया जा सकता है।

यह GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस) का मुख्य इनपुट डिवाइस होता है।माउस तथा कीबोर्ड को कंप्यूटर के CPU सें जोड़ने के लिए PS2 (Plug Station 2) अथवा USB (यूनिवर्सल सीरियल बस) पोर्ट के द्वारा जोड़ा जाता है। जबकि वायरलेस माउस को जोड़ने के लिए वाई-फाई अथवा ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

की-बोर्ड एक प्राथमिक इनपुट डिवाइस है।की-बोर्ड कम्प्यूटर में डाटा इन्ट्री हेतु सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली इनपुट डिवाइस है।की-बोर्ड का आविष्कार 1868 में क्रिस्टोफर लाथम सॉल्स (Christopher Lathom Sholes) द्वारा किया गया।

Key Board Keys
Keyboard

एक सामान्य की-बोर्ड में बटनों (keys) की संख्या 108 होती है।कीबोर्ड पर उपलब्ध बटनों को निम्नानुसार बांटा जा सकता है-

  • न्यूमेरिक की (नम पैड)
  • फंक्शन की (F1 सें F12 तक)
  • कण्ट्रोल की (Ctrl, Alt, Windows Logo Key और Esc)
  • अल्फाबेट की (A सें Z तक)
  • टॉगल की (कॉम्बिनेशन या मोडिफाइर की)
  • नेवीगेशन की (तीर के निशान वाली, Home, End, Page Up, Page Down, Delete  एंड Insert)
Scanner
Scanner
  • इसके माध्यम से किसी भी भौतिक फोटो, चित्र, आकृति एवं डॉक्यूमेंट को स्कैन कर डिजिटल रूप में बदला जाता है अर्थात् स्कैनर डॉक्यूमेंट, चित्र, फोटो, आकृति आदि की हार्डकॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलता है।
  • यह फोटो कॉपीयर मशीन की तरह दिखता है।
  • इसके द्वारा इनपुट की गई सूचना को, इमेज या पीडीऍफ़ (PDF) फाइल के रूप में कंप्यूटर में स्टोर किया जा सकता है।
  • यह माउस के विकल्प के रूप में काम करने वाली पोइंटिंग इनपुट डिवाइस है।
  • आमतोर पर इसका उपयोग लैपटॉप जैसे मूवेबल कंप्यूटरों में किया जाता है।
  • इसमें माउस के सामान सभी कार्य करने के फंक्शन होते हैं।
  • यह एक फ्लेट पैड की तरह दिखने वाली इनपुट डिवाइस है, जिसपर कुछ भी लिखने पर वह उसका डिजिटल स्वरूप कंप्यूटर में सेव कर देती है।
  • इसकी सहायता सें हस्ताक्षर, ग्राफ, विशेष अक्षर आदि को कंप्यूटर में दर्ज किया जा सकता है।
Bar-Code-Reader
BCR
  • बारकोड रीडर में बारकोड को पढ़ने के लिए लेजर बीम का उपयोग किया जाता है।
  • बारकोड काली व सफेद लाइन के रूप में होता है इसमें जिस प्रोडक्ट पर यह लगा होता है उससे संबंधित सभी सूचनाओं इन लाइनों में लिखी होती है।
  • बारकोड का आविष्कार जोशेफ़ वुडलेंड और बर्नाड मिल्लर  के द्वारा किया गया था।
MICR
Magnetic Ink Character Reader
  • इसका उपयोग बैंकों में चेक पर विशेष स्याही से लिखे चुंबकीय अक्षरों को पढ़ने के लिए किया जाता है।
  • प्रत्येक चेक में नीचे मैग्नेटिक इंक का प्रयोग करके, विशेष या अलग चेक नंबर प्रिंट किए जाते हैं।
  • एमआईसीआर कोड में 9 अंक होते हैं जिसमें पहले तीन नंबर उसे शहर का नाम बताते हैं और अगले तीन विशेष बैंक का नाम बताते हैं वह अंतिम तीन बैंक की शाखा के बारे में बताते हैं।
  • यह हस्तलिखित डाटा या किसी भी किताब में लिखे हुए डाटा को ASCII (American standard code for information interchange) कोड में रूपांतरित करता है।
  • OCR का आविष्कार E. G. Barg द्वारा किया गया।
  • इसका उपयोग प्राय पुराने दस्तावेज और किताबों को कंप्यूटर में डिजिटल रूप में सेव करने के लिए किया जाता है।
  • यह कैरेक्टर्स की बिटमैप इमेज को एडिटेबल (editable) टेक्स्ट में बदल सकता है।

इनपुट डिवाइस से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदु :

  • पॉइंटिंग एण्ड ड्रॉ डिवाइस वे डिवाइस होते हैं, जो स्क्रीन पर ऑब्जेक्ट (फाइल, फोल्डर, आइकन) को इंगित करने तथा स्क्रीन पर किसी भी प्रकार का चित्र बनाने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
  • टच-पैड और टच-स्क्रीन दो अलग-अलग प्रकार के डिवाइस हैं। टच-पैड एक इनपुट डिवाइस है जबकि टच-स्क्रीन एक कॉम्बो डिवाइस है जिसमें इनपुट तथा आउटपुट दोनों डिवाइसों के गुण होते हैं।

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