MCQ on Geography: जलवायु
हम यहां भूगोल के विषय ” जलवायु ” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल NCERT की किताब से लिए गए हैं।
Q&A: जलवायु (Question and Answer on Climate)
प्रश्न-1: मानसून (Monsoon) के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द से हुई है।
- कथन-2: मानसून का अर्थ, एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द ‘मौसिम’ से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- मौसम। मानसून का अर्थ एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन है।
प्रश्न-2: मौसम तथा जलवायु (Weather and Climate) के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़ियेः
- कथन-1: मौसम एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमंडल की अवस्था को बताता है।
- कथन-2: जलवायु अपेक्षाकृत लंबे समय की एक विशाल क्षेत्र की मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का औसत योग है।
- कथन-3: मौसम तथा जलवायु दोनों के तत्त्व एक ही होते हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- उपरोक्त सभी।
व्याख्याः (Option: 4) उपरोक्त तीनों कथन सत्य हैं। मौसम वायुमंडल की क्षणिक अवस्था है। मौसम एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमंडल की अवस्था को बताता है। मौसम की अवस्था प्रायः एक ही दिन में कई बार बदलती है।
जलवायु का तात्पर्य एक विशाल क्षेत्र में लंबी समयावधि (30 वर्ष से अधिक) में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का औसत योग होता है। जलवायु में बदलाव 50 वर्षों अथवा इससे भी अधिक वर्षों में आता है। मौसम तथा जलवायु के तत्त्व (Elements of weather and climate), जैसे- तापमान, वायुमंडलीय दाब, पवन, आर्द्रता तथा वर्षण एक ही होते हैं।
प्रश्न-3: एशिया महाद्वीप में मानसूनी जलवायु मुख्यतः पाई जाती है-
- दक्षिण एशिया में
- पश्चिमी एशिया में
- दक्षिण-पूर्वी एशिया में
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3) एशिया महाद्वीप में मानसूनी जलवायु मुख्यतः दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है। भारत की जलवायु को भी मानसूनी जलवायु कहा जाता है।
प्रश्न-4: भारतीय वर्षण (Indian precipitation) की प्रादेशिक विविधताओं के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: हिमालय में वर्षण मुख्यतः हिमपात के रूप में होता है।
- कथन-2: तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा शरद ऋतु के आरंभ में होती है।
- कथन-3: उत्तरी मैदान में वर्षा की मात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर घटती जाती है।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- उपरोक्त सभी।
व्याख्याः (Option: A) केवल कथन 1 और 2 सही हैं। हिमालय में वर्षण (Precipitation) अधिकतर हिम (Snow) के रूप में होता है तथा देश के शेष भागों में यह वर्षा के रूप में होता है। देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, लेकिन तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा शीत ऋतु के आरंभ (अक्तूबर एवं नवंबर) में होती है।
कथन 3 गलत है। भारत के उत्तरी मैदान में वर्षा की मात्रा सामान्यतः पूर्व से पश्चिम की ओर घटती जाती है। वार्षिक वर्षण मेघालय में 400 से.मी., जबकि लद्दाख एवं पश्चिमी राजस्थान में 10 से.मी. से भी कम होता है। यह भिन्नता लोगों के जीवन में विविधता (Diversity in life) लाती है जो उनके भोजन, वस्त्र और घरों के रूप में दिखती है।
प्रश्न-5: किसी क्षेत्र की जलवायु को नियंत्रित करने वाले प्रमुख कारक (Major climate controlling factors) हैं-
- अक्षांश
- समुद्र से दूरी
- देशांतर
- वायुदाब
- तुंगता (ऊँचाई)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1, 2 और 5
- केवल 2, 3, 4 और 5
- केवल 1, 2, 4 और 5
- उपरोक्त सभी।
व्याख्याः (Option: 3) किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियंत्रित करने वाले छह प्रमुख कारक हैं- अक्षांश, वायुदाब एवं पवन तंत्र, समुद्र से दूरी, महासागरीय धाराएँ, तुंगता (ऊँचाई) तथा उच्चावच लक्षण। (Latitude, air pressure and wind system, distance from the sea, ocean currents, altitude (elevation) )
- गर्मी में बहुत अधिक गर्मी तथा ठंडी में बहुत अधिक ठंड।
- गर्मी में कम गर्मी तथा ठंडी में कम ठंड।
- गर्मी में अधिक गर्मी तथा ठंडी में कम ठंड।
- गर्मी में कम गर्मी तथा ठंडी में अधिक ठंड।
व्याख्याः (Option: 1) समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव (Equalization effect) पड़ता है, जैसे-जैसे समुद्र से दूरी बढ़ती है यह प्रभाव कम होता जाता है एवं लोग विषम मौसमी अवस्थाओं को महसूस करते हैं। इसे महाद्वीपीय अवस्था कहते हैं अर्थात् गर्मी में बहुत अधिक गर्मी तथा सर्दी में बहुत अधिक ठंडी महसूस होती है।
प्रश्न-7: भारत की जलवायु (Climate of India) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- कथन-1: भारत की जलवायु में उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण कटिबंधीय दोनों जलवायु की विशेषताएँ उपस्थित हैं।
- कथन-2: भारत में कर्क रेखा के उत्तरी भाग में कम दैनिक एवं वार्षिक तापांतर पाया जाता है।
- कथन-3: भारत के दक्षिणी भाग में उच्च दैनिक तथा वार्षिक तापांतर के साथ विषम जलवायु पाई जाती है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
व्याख्याः (Option: 1) केवल कथन 1 सत्य है। कर्क रेखा देश के मध्य भाग से गुज़रती है। इस प्रकार भारत का उत्तरी भाग शीतोष्ण कटिबंध (Temperate zone) में और कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित भाग उष्ण कटिबंध (Tropical zone) में पड़ता है। अतः भारत की जलवायु में उष्णकटिबंधीय जलवायु एवं उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु (Subtropical climate) दोनों की विशेषताएँ उपस्थित हैं।
कथन 2 गलत है। भारत का दक्षिणी भाग कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित है जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र भूमध्य रेखा (Equator) के अधिक निकट होने के कारण पूरे वर्ष ऊँचे तापमान तथा कम दैनिक और वार्षिक तापांतर (Low Heat differential) का अनुभव करता है न कि उत्तरी भाग में कम दैनिक एवं वार्षिक तापांतर पाया जाता है।
कथन 3 गलत है। कर्क रेखा के उत्तर में स्थित भारत के उत्तरी भाग में भूमध्यरेखा से दूर होने के कारण उच्च दैनिक तथा वार्षिक तापांतर (High Heat differential) के साथ विषम जलवायु पाई जाती है।
प्रश्न-8: भारतीय जलवायु के संबंध में हिमालय पर्वत की भूमिका से संबंधित नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: हिमालय पर्वत एक जलवायु विभाजक की भाँति कार्य करता है।
- कथन-2: हिमालय पर्वत भारतीय उपमहाद्वीप में वर्षा का कारण बनता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है, जिसकी औसत ऊँचाई लगभग 6000 मीटर है। हिमालय अपने सभी विस्तारों के साथ एक प्रभावी जलवायु विभाजक (Climate divider) की भूमिका निभाता है। यह ऊँची पर्वत श्रृंखला मध्य एशिया से आने वाली ठंडी हवाओं को भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने से रोकती हैं। इसी प्रकार हिमालय पर्वत मानसूनी पवनों को रोककर उप-महाद्वीप में वर्षा का कारण भी बनती हैं।
प्रश्न-9: पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbances) के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: पश्चिमी विक्षोभ कैस्पियन सागर (Caspian Sea) में उत्पन्न होते हैं।
- कथन-2: भारत में इनका प्रवेश पश्चिमी जेट प्रवाह द्वारा होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 2) कथन 1 गलत है। पश्चिमी विक्षोभ जो भारतीय उप-महाद्वीप में जाड़े के मौसम में पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम से प्रवेश करते हैं, भूमध्य सागर में उत्पन्न होते हैं।
कथन 2 सत्य है। भारत में पश्चिमी विक्षोभों का प्रवेश पश्चिमी जेट के द्वारा होता है। शीत ऋतु (winter season) में रात्रि के तापमान में वृद्धि इन विक्षोभों के आने का पूर्व संकेत है।
प्रश्न-10: अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आई.टी.सी.जेड. ITCZ) के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: ये विषुवतीय अक्षांशों में विस्तृत गर्त एवं निम्न दाब का क्षेत्र होता है।
- कथन-2: सूर्य की स्थिति में परिवर्तन के साथ यह क्षेत्र उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं। अंतः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (Inter-tropical convergence zone) विषुवतीय अक्षांशों में विस्तृत गर्त एवं निम्न दाब का क्षेत्र होता है। यहीं पर उत्तर-पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें (Trade winds) आपस में मिलती हैं। यह अभिसरण क्षेत्र विषुवत् वृत्त के लगभग समानांतर होता है, लेकिन सूर्य की आभासी गति के साथ-साथ यह उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकता है।
प्रश्न-11: भारतीय मानसून के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: मानसूनी पवनें नियमित पवनें होती हैं।
- कथन-2: भारत में वर्षा लाने वाला एकमात्र तंत्र अरब सागर से उठने वाली दक्षिण-पश्चिम मानसून धारा है।
- कथन-3: भारतीय द्वीपों पर मानसून की सबसे पहली वर्षा होती है तथा मानसून की वापसी भी सबसे बाद में होती है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 1 और 3
- केवल 3
व्याख्याः (Option: 4) पहला कथन असत्य है। मानसूनी पवनें नियमित पवनें (Regular winds) नहीं होती हैं, लेकिन ये स्पंदमान प्रकृति (Vibratory nature) की होती हैं। उष्णकटिबंधीय समुद्रों के ऊपर प्रवाह के दौरान ये विभिन्न वायुमंडलीय अवस्थाओं से प्रभावित होती हैं। भारतीय मानसून का समय जून के आरंभ से लेकर मध्य सितंबर तक होता है।
भारत में वर्षा लाने वाले दो तंत्र हैं, पहला तंत्र उष्णकटिबंधीय अवदाब है जो बंगाल की खाड़ी या उससे भी आगे पूर्व में दक्षिणी चीन सागर में पैदा होता है तथा उत्तरी भारत के मैदानी भागों में वर्षा करता है। दूसरा तंत्र अरब सागर में से उठने वाली दक्षिण-पश्चिम मानसून धारा है जो भारत के पश्चिमी तट पर वर्षा करती है। दूसरा कथन भी गलत है।
मानसूनी पवनों के द्वारा सबसे पहली वर्षा भारतीय द्वीपों पर होती है तथा मानसून की वापसी भी क्रमशः दिसंबर के प्रथम सप्ताह से जनवरी के प्रथम सप्ताह तक होती है। इस समय देश का शेष भाग शीत ऋतु के प्रभाव में होता है। तीसरा कथन सत्य है।
प्रश्न-12: भारतीय मानसून की अरब सागर शाखा एवं बंगाल की खाड़ी शाखा मिलती हैं-
- नीलगिरी की पहाड़ियों पर।
- पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में।
- गंगा के मैदान के उत्तर-पश्चिमी भाग में।
- दोनों शाखाएँ कभी आपस में नहीं मिलती हैं।
व्याख्याः (Option: 3) मानसून भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर से प्रवेश करता है। इसके बाद यह दो भागों में बँट जाता है- अरब सागर शाखा एवं बंगाल की खाड़ी शाखा। अरब सागर शाखा एवं बंगाल की खाड़ी शाखा दोनों गंगा के मैदान (Gangetic Plain) के उत्तर-पश्चिमी भाग में आपस में मिल जाती हैं।
प्रश्न-13: नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
- कथन-1: शीत ऋतु में, देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं।
- कथन-2: उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं, इसलिए शीत ऋतु में देश के अधिकतर भागों में मौसम शुष्क होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 3) उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं।
शीत ऋतु में देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं। ये पवनें स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं इसलिए देश के अधिकतर भागों में शुष्क मौसम होता है। इन पवनों के कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है, क्योंकि वहाँ ये पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं। देश के उत्तरी भाग में एक कमज़ोर उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है, जिसमें हल्की पवनें इस क्षेत्र से बाहर की ओर प्रवाहित होती हैं। उच्चावच से प्रभावित होकर ये पवनें पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम से गंगा घाटी की ओर बहती हैं। सामान्यतः इस मौसम में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम एवं पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती हैं।
प्रश्न-14: ग्रीष्म ऋतु में आने वाले कुछ स्थानीय तूफानों और उनसे लाभान्वित फसलों के संदर्भ में कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
- आम्र वर्षा – आम
- फूलों वाली बौछार – कहवा
- काल बैसाखी – चाय, पटसन
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) ग्रीष्म ऋतु में आने वाले कुछ प्रसिद्ध तूफानः (Local storm)
आम्र वर्षाः (Mango rain) ग्रीष्म ऋतु के अंत में कर्नाटक एवं केरल में प्रायः पूर्व-मानसूनी वर्षा होती है। इस तूफानी वर्षा को ‘आम्र वर्षा’ कहा जाता है, क्योंकि यह आमों को जल्दी पकने में सहायता देती है।
फूलों वाली बौछारः (Flower shower) इस वर्षा से केरल व निकटवर्ती कहवा उत्पादक क्षेत्रों में कहवा के फूल खिलने लगते हैं।
काल बैसाखीः (Kaal Baisakhi) असम और पश्चिम बंगाल में बैसाख के महीने में शाम को चलने वाली ये भयंकर व विनाशकारी वर्षायुक्त पवनें हैं। इनकी कुख्यात प्रकृति का अंदाज़ा इनके स्थानीय नाम से लगाया जा सकता है। चाय, पटसन व चावल के लिये ये पवनें अच्छी हैं। असम में इन पवनों को ‘बारदोली छीड़ा’ कहा जाता है।
लूः (hot wind) उत्तरी मैदान में पंजाब से बिहार तक चलने वाली ये शुष्क, गर्म व पीड़ादायक पवनें हैं।
प्रश्न-15: विश्व में सर्वाधिक वर्षा कहाँ होती है?
- कोच्चि
- मासिनराम
- शिमला
- भुवनेश्वर
व्याख्याः (Option: 2) मासिनराम विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है तथा यह क्षेत्र अपने स्टेलेग्माइट और स्टेलेक्टाइट गुफाओं के लिये प्रसिद्ध है।
प्रश्न-16: भारत के किन क्षेत्रों में वर्षा 200 सेंटीमीटर या उससे अधिक होती है?
- पश्चिमी घाट
- कोरोमंडल तट
- उत्तर-पूर्व के उप-हिमालयी क्षेत्र
- मेघालय की पहाड़ियाँ
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1 और 2
- केवल 1, 3 और 4
- केवल 2, 3 और 4
- केवल 1 और 4
व्याख्याः (Option: 2) भारत में 200 सेंटीमीटर या उससे अधिक वर्षा पश्चिमी तट, पश्चिमी घाट, उत्तर-पूर्व के उप-हिमालयी क्षेत्र तथा मेघालय की पहाड़ियों पर होती है।
प्रश्न-17: भारत के किन क्षेत्रों में वर्षा 50 सेंटीमीटर से कम होती है?
- पूर्वी राजस्थान
- लद्दाख
- पश्चिमी राजस्थान
- गुजरात
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनियेः
- केवल 1 और 2
- केवल 2, 3 और 4
- केवल 2 और 3
- केवल 3 और 4
व्याख्याः (Option: 3) व्याख्याः प्रायद्वीपीय भारत के कुछ भागों विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तथा लद्दाख एवं पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर भागों में 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है। पूर्वी राजस्थान और गुजरात में वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर के बीच होती है।
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