MCQ on Economics: संसाधन के रूप में लोग

हम यहां अर्थशास्त्र के विषय “संसाधन के रूप में लोग ” से संबंधित कुछ प्रश्न देखेंगे। ये सवाल NCERT की किताब से लिए गए हैं।

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Q&A: संसाधन के रूप में लोग (Question and Answer on People as resource)


प्रश्न-1: नीचे दिये गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़ियेः

  • कथन-1: जब मानव संसाधन को शिक्षा तथा स्वास्थ्य के द्वारा विकसित किया जाता है, तब इसे मानव पूंजी निर्माण कहते हैं।
  • कथन-2: मानव पूंजी में निवेश, भौतिक पूंजी की ही भाँति प्रतिफल प्रदान करता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

व्याख्याः (Option: 3) जब शिक्षा, प्रशिक्षण और चिकित्सीय सेवाओं में निवेश किया जाता है तो वही जनसंख्या मानव पूंजी में बदल जाती है। जब इस विद्यमान मानव संसाधन को और अधिक शिक्षा तथा स्वास्थ्य के द्वारा विकसित किया जाता है, तब हम इसे मानव पूंजी (Human capital) निर्माण कहते हैं। जो भौतिक पूंजी निर्माण की ही भाँति देश की उत्पादक शक्ति में वृद्धि करता है।

मानव पूंजी में निवेश (शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण) भौतिक पूंजी की ही भाँति प्रतिफल प्रदान करता है। अधिक शिक्षित या बेहतर प्रशिक्षित लोगों की उच्च उत्पादकता के कारण होने वाली अधिक आय और साथ ही अच्छे स्वस्थ लोगों की उच्च उत्पादकता के रूप में इसे प्रत्यक्षतः देखा जा सकता है।


प्रश्न-2: आर्थिक क्रियाकलाप के संदर्भ में प्राथमिक क्षेत्र में सम्मिलित हैं:

  1. वानिकी
  2. पशुपालन
  3. व्यापार एवं परिवहन
  4. खनन

कूट :

  1. केवल 1
  2. 1 और 3
  3. 1, 2 और 3
  4. 1, 2 और 3

व्याख्याः (Option: 4) विभिन्न आर्थिक क्रियाकलापों को तीन प्रमुख क्षेत्रकों- प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक में वर्गीकृत किया गया है। प्राथमिक क्षेत्रक के अंतर्गत कृषि, वानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गी पालन और खनन शामिल है। द्वितीयक क्षेत्रक में उत्खनन और विनिर्माण शामिल हैं।


प्रश्न-3: आर्थिक क्रियाकलाप के अंतर्गत तृतीयक क्षेत्रक में सम्मिलित हैं:

  1. व्यापार
  2. परिवहन
  3. बीमा
  4. संचार
  5. विनिर्माण

कूट :

  • A) 1, 2 और 3
  • B) 2, 4 और 5
  • B) 3, 4 और 5
  • D) 1, 2, 3 और 4

व्याख्याः (Option: D) आर्थिक क्रियाकलाप के अंतर्गत तृतीयक क्षेत्रक में व्यापार, परिवहन, संचार, बैंकिंग, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन सेवाएँ इत्यादि शामिल किये जाते हैं।


प्रश्न-4: “इस आर्थिक क्रिया में वेतन या लाभ के उद्देश्य से की गई क्रियाओं के लिये पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है, इसमें सरकारी सेवा सहित वस्तु या सेवाओं का उत्पादन शामिल है।”

ऊपर कही गई बात किस प्रकार की आर्थिक क्रिया के संदर्भ में है?

  1. बाज़ार क्रियाएँ
  2. गैर-बाज़ार क्रियाएँ
  3. बाज़ार एवं गैर-बाज़ार क्रियाएँ दोनों के लिये
  4. इनमें से कोई नहीं

व्याख्याः (Option: 1) प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रकों में क्रियाकलाप के फलस्वरूप वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन होता है। ये क्रियाकलाप राष्ट्रीय आय में मूल्यवर्द्धन करते हैं। ये क्रियाएँ आर्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं। आर्थिक क्रियाओं के दो भाग होते हैं- बाज़ार क्रियाएँ और गैर-बाज़ार क्रियाएँ। बाज़ार क्रियाओं में वेतन या लाभ के उद्देश्य से की गई क्रियाओं के लिये पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है। इसमें सरकारी सेवा सहित वस्तु या सेवाओं का उत्पादन शामिल है। गैर-बाज़ार क्रियाओं से अभिप्राय स्व-उपभोग के लिये उत्पादन है।


प्रश्न-5: सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत किस आयु वर्ग के बच्चों को सम्मिलित किया जाता है?

  • 07 से 16 वर्ष
  • 06 से 12 वर्ष
  • 06 से 14 वर्ष
  • 05 से 18 वर्ष

व्याख्याः (Option: 3) वर्ष 2000-01 में घोषित तथा वर्ष 2001-02 में शुरू किये  गए ‘सर्व शिक्षा अभियान’ का उद्देश्य 06 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी स्कूली बच्चों को वर्ष 2010 तक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना था।


प्रश्न-6: सरकार द्वारा ‘सेतु-पाठ्यक्रम’ एवं ‘स्कूल लौटो शिविर’ कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य थाः

  1. अनपढ़ वयस्कों को शिक्षित करना।
  2. प्राथमिक शिक्षा में बच्चों का नामांकन बढ़ाना।
  3. बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
  4. शिविरों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार करना। 

व्याख्याः (Option: 2) प्राथमिक शिक्षा में नामांकन बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा ‘सेतु-पाठ्यक्रम’ और ‘स्कूल लौटो शिविर’ कार्यक्रमों का प्रारंभ किया गया, जिनका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा में बच्चों का नामांकन बढ़ाना था।


प्रश्न-7: शिशु मृत्यु-दर से अभिप्राय किस वर्ष से कम शिशु की मृत्यु से है?

  1. 1 वर्ष से कम
  2. 5 वर्ष से कम
  3. 2 वर्ष से कम
  4. 1 से 2 वर्ष के बीच

व्याख्याः (Option: 1) शिशु मृत्यु-दर से अभिप्राय एक वर्ष से कम आयु के शिशु-मृत्यु से है। जन्म दर से अभिप्राय एक विशेष अवधि में प्रति एक हज़ार व्यक्तियों के पीछे जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या से है।


प्रश्न-8: नीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा कथन बेरोज़गारी को सही तरीके से परिभाषित करता है?

  1. जब प्रचलित मज़दूरी की दर से कम मज़दूरी पर लोग काम करते हैं।
  2. जब प्रचलित मज़दूरी की दर पर काम करने के इच्छुक व्यक्ति को रोज़गार नहीं मिलता।
  3. जब व्यक्ति को अपनी रुचि के मुताबिक काम नहीं मिलता। 
  4. जब डिग्री धारक व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य एवं वेतन नहीं मिलता।

व्याख्याः (Option: 2) बेरोज़गारी उस स्थिति को कहते हैं, जब प्रचलित मज़दूरी की दर पर काम करने के लिये इच्छुक लोगों को रोज़गार प्राप्त नहीं होता।


प्रश्न-9: श्रम बल जनसंख्या में किस आयु वर्ग के लोग शामिल किये जाते हैं?

  1. 15 से 59 वर्ष
  2. 18 से 60 वर्ष
  3. 21 से 60 वर्ष
  4. 18 से 59 वर्ष

व्याख्याः (Option: 1) श्रम बल जनसंख्या में वे लोग शामिल किये जाते हैं, जिनकी उम्र 15 वर्ष से 59 वर्ष के बीच है।


प्रश्न-10: प्रच्छन्न बेरोज़गारी‘ का सामान्यतः अर्थ होता है-

  1. गृहणियों में बेरोज़गारी।
  2. 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों में बेरोज़गारी।
  3. जिस कार्य को कम व्यक्ति कर सकते हैं, उसको अधिक व्यक्तियों द्वारा करना तथा उत्पादकता में कोई वृद्धि ना होना।
  4. जब लोग बड़ी मात्रा में बेरोज़गार रहते हैं।

व्याख्याः (Option: C) प्रच्छन्न बेरोज़गारी के अंतर्गत लोग नियोजित (काम करते हुए) प्रतीत होते हैं। किन्तु उनकी सीमांत उत्पादकता शून्य होती है। ऐसा प्रायः कृषिगत काम में लगे परिजनों में होता है। किसी काम में पाँच लोगों की आवश्यकता होती है, लेकिन उसमें आठ लोग लगे होते हैं। इसमें तीन लोग अतिरिक्त हैं। इन तीन लोगों के द्वारा किया गया अंशदान पाँच लोगों द्वारा किये गए योगदान में कोई बढ़ोतरी नहीं करता है। अगर तीन लोगों को हटा दिया जाए तो खेत की उत्पादकता में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अतः तीन लोग प्रच्छन्न रूप से नियोजित हैं।


प्रश्न-11: भारत में प्रच्छन्न बेरोज़गारी पाई जाती है-

  1. कृषि क्षेत्र में
  2. सेवा क्षेत्र में
  3. औद्योगिक क्षेत्र में
  4. व्यापार क्षेत्र में

व्याख्याः (Option: 1) भारत में प्रच्छन्न बेरोज़गारी कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।


प्रश्न-12: मौसमी बेरोज़गारी से तात्पर्य हैः

  1. जब उच्च डिग्री धारक को रोज़गार नहीं मिलता है।
  2. जब किसी खास फसली मौसम में ही रोज़गार मिलता है।
  3. जब वर्ष के कुछ महीनों में रोज़गार प्राप्त नहीं होता है।
  4. जब वैकल्पिक रोज़गार उपलब्ध नहीं है।

व्याख्याः (Option: 3) मौसमी बेरोज़गारी (Seasonal unemployment) का तात्पर्य है कि जब लोग वर्ष के कुछ महीनों में रोज़गार प्राप्त नहीं कर पाते हैं। कृषि पर आश्रित लोग आमतौर पर इस तरह की समस्या से जूझते हैं। वर्ष में कुछ व्यस्त मौसम होते हैं जब जोताई, बुआई, कटाई, गहाई होती है। कुछ विशेष महीनों में कृषि पर आश्रित लोगों को अधिक काम नहीं मिल पाता।


प्रश्न-13: नीचे दिये गए कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़ियेः

  • कथन-1: अर्थव्यवस्था के समग्र विकास पर बेरोज़गारी का अहितकर प्रभाव पड़ता है।
  • कथन-2: किसी अर्थव्यवस्था के बेरोज़गारी में वृद्धि मंदीग्रस्त अर्थव्यवस्था का सूचक है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1 और न ही 2

व्याख्याः (Option: 3) बेरोज़गारी से जनशक्ति संसाधन की बर्बादी होती है। जो लोग अर्थव्यवस्था के लिये परिसंपत्ति होते हैं, बेरोज़गारी के कारण दायित्व में बदल जाते हैं। बेरोज़गारी से आर्थिक बोझ में वृद्धि होती है। कार्यरत जनसंख्या पर बेरोज़गारी की निर्भरता बढ़ती है। किसी व्यक्ति और साथ-ही-साथ समाज के जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है। इसलिये किसी अर्थव्यवस्था के समग्र विकास पर बेरोज़गारी का अहितकर प्रभाव पड़ता है। बेरोज़गारी में वृद्धि मंदीग्रस्त अर्थव्यवस्था का सूचक है।


विश्वसनीयता (Trustworthy)

“MCQ केटेगरी” में शामिल प्रत्येक प्रश्न को आधिकारिक स्त्रोतों द्वारा जांचा-परखा गया है, फिर भी इसमें सुधार की गुंजाइश से इंकार नहीं किया जा सकता है। यदि आपको किसी भी प्रश्न में कोई संदेह है, तो आप नीचे टिप्पणी में पूछ सकते हैं। हमारी टीम इसे 48 घंटे में हल करने की भरोसेमंद-कोशिश करेगी।


7 Comments

  1. Great, yeh to book ke jesa hi lag raha hai…🙄🤗

  2. Great i don’t like eco and i don’t understand this sub. but after this ques mere all problems are solved.

    1. Thank you, Devrshi 🙂

  3. Apka Bahut bahut dhanyawad kam sbdao me aur kam samy me puri jankari

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