MCQ on Science: जंतुओं और पादप में परिवहन
जंतुओं और पादप में परिवहन से सम्बंधित प्रश्नों को हम यहाँ देखेंगे। इन प्रश्नों को NCERT की बुक से लिया गया है।
Q&A: जंतुओं और पादप में परिवहन (Question-Answer on Transport in animals and plants)
प्रश्न-1: निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
- पचा भोजन
- ऑक्सीजन
- अपशिष्ट पदार्थ
उपर्युक्त में से रक्त किसका/किनका परिसंचरण करता है?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 4) रक्त वह तरल पदार्थ है जो हमारी वाहिनियों में प्रवाहित होता है। यह पचे हुए भोजन को क्षुद्रांत (छोटी आँत) से शरीर के अन्य भागों तक ले जाता है। फेफड़ों से ऑक्सीजन को भी रक्त ही शरीर की कोशिकाओं तक ले जाता है। शरीर की कोशिकाएँ भी अपशिष्ट का उत्सर्जन करती हैं। रक्त शरीर में से ऐसे कई अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिये उनका परिवहन भी करता है।
- कथन-1: हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों और कोशिकाओं तक इसका परिवहन करता है।
- कथन-2: हीमोग्लोबिन एक पीले रंग का वर्णक है जो ऑक्सीजन से संयुक्त होकर रक्त को लाल रंग प्रदान करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 1)
- कथन 1 सही है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों में और अंततः सभी कोशिकाओं तक परिवहन करता है। हीमोग्लोबिन की कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन हो जाता है।
- हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं में उपस्थित एक लाल रंग का वर्णक होता है। हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ही रक्त का रंग लाल होता है। अतः कथन 2 गलत है।
प्रश्न-3: श्वेत रक्त कोशिकाएँ अथवा कणिकाएँ निम्नलिखित में से क्या कार्य करती हैं?
- ऑक्सीजन का वहन
- कार्बन-डाइऑक्साइड का वहन
- रोगाणुओं का विनाश
- रक्त का थक्का बनाना
व्याख्याः (Option: 3)
- रक्त के तरल भाग को प्लाज्मा (Plasma) कहते हैं। रक्त कोशिकाएँ (कणिकाएँ) इसमें तैरती रहती हैं। ये कणिकाएँ 3 प्रकार की होती हैं-
- लाल रक्त कणिकाएँ
- श्वेत रक्त कणिकाएँ
- पट्टिकाणु (प्लेटलेट्स)
- लाल रक्त कणिकाएँ ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन करती हैं। श्वेत रक्त कणिकाएँ उन रोगाणुओं को नष्ट करती हैं जो शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जबकि रक्त का थक्का बनना पट्टिकाणुओं (प्लेटलेट्स) के कारण होता है।
प्रश्न-4: निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
- रक्त
- रक्त वाहिकाएँ
- हृदय
- वृक्क
उपर्युक्त में से कौन-सा/से मानव शरीर के परिसंरचण तंत्र का हिस्सा नहीं है/हैं?
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
- केवल 3 और 4
- केवल 4
व्याख्याः (Option: 4)
- रक्त परिसंचरण की खोज ‘विलियम हार्वे’ नामक एक अंग्रेज़ चिकित्सक ने की थी।
- रक्त, रक्त वाहिकाएँ एवं हृदय तीनों ही मानव शरीर के परिसंचरण तंत्र का हिस्सा हैं।
- रक्त ऑक्सीजन, पचे हुए भोजन व अपशिष्टों का परिवहन करता है। यह परिवहन रक्त वाहिकाओं के द्वारा होता है। शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं- धमनी (Artery) और शिरा (Vein)। धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं। चूँकि रक्त प्रवाह तेज़ी से और अधिक दबाव पर होता है, अतः वाहिनियों की भित्तियाँ (दीवार) मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं। शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में ले जाती हैं। शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं। शिराओं में ऐसे बाल्व होते हैं जो रक्त को केवल हृदय की ओर ही प्रवाहित होने देते हैं।
- हृदय रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिये पंप के रूप में कार्य करता है।
- वृक्क मानव शरीर के उत्सर्जन तंत्र का हिस्सा है न कि परिसंचरण तंत्र का।
प्रश्न-5: चिकित्सक हृदय स्पंद को मापने के लिये निम्नलिखित में से किस यंत्र का उपयोग करते हैं?
- स्टेथॉस्कोप
- पेसमेकर
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ (ECG)
- इलेक्ट्रोएन्सिफैलोग्राफ (EEG)
व्याख्याः (Option: 1)
- हृदय चार कक्षों में बँटा होता है। हृदय के कक्ष की भित्तियाँ पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से संकुचन (Contraction) और विश्रांति (Relaxation) करती हैं जो हृदय स्पंद (हार्ट बीट) कहलाता है। चिकित्सक हृदय स्पंद को मापने के लिये स्टेथॉस्कोप (Stethoscope) का प्रयोग करते हैं जो हृदय स्पंद की ध्वनि को आवर्धित (amplify) कर देता है।
- पेसमेकर हृदय गति के कम हो जाने पर उसे सामान्य स्थिति में लाने हेतु प्रयोग होने वाला उपकरण है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ (ECG) का प्रयोग संकुचन एवं विश्रांति के समय उत्पन्न विद्युतवाहक बल को मापने तथा हृदय के किसी अन्य प्रकार के विकार का पता लगाने के लिये होता है।
- इलेक्ट्रोएन्सिफैलोग्राफ (EEG) का प्रयोग मस्तिष्क में होने वाली विद्युत क्रियाओं को निरूपित करने तथा मस्तिष्क सम्बन्धी रोगों का निरूपण करने के लिये किया जाता है।
प्रश्न-6: निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
- मछली
- हाइड्रा
- स्पंज (Sponge)
उपर्युक्त में से किसमें/किनमें कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है?
- केवल 1
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
व्याख्याः (Option: 3)
- हाइड्रा और स्पंजों जैसे कुछ जंतुओं में कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है। जिस जल में वे रहते हैं, वही उनके शरीर में प्रवेश करके उनके भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति कर देता है।
- जब जल बाहर निकलता है तो वह अपने साथ कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को भी ले आता है। अतः परिसंचरण हेतु रक्त के समान तरल की आवश्यकता इन्हें नहीं होती है।
- सामान्यतः मछलियों में परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।
प्रश्न-7: ‘अपोह्न’ (डायलाइसिस) की विधि निम्नलिखित में से किसके अक्रिय हो जाने की स्थिति में प्रयोग में लाई जाती है?
- हृदय
- वृक्क
- यकृत
- फेफड़े
व्याख्याः (Option: 2)
- वृक्क का मुख्य कार्य रक्त को छानने का होता है।
- अपोह्न की विधि का प्रयोग वृक्क के अक्रिय हो जाने की स्थिति में किया जाता है। इस विधि में कृत्रिम वृक्क द्वारा रक्त को नियमित रूप से छाना जाता है।
- वृक्क मानव शरीर के उत्सर्जन तंत्र का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। वृक्क, मूत्र वाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्रमार्ग सम्मिलित रूप से उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं। मानव उत्सर्जन तंत्र द्वारा लवण और यूरिया जल के साथ पसीने तथा मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं। शरीर से निकलने वाला पसीना शरीर से हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकालने के साथ-साथ शरीर को ठंडा बनाए रखने में भी सहायता करता है।
प्रश्न-8: कुछ जन्तुओं के शरीर से अपशिष्ट रसायनों के निष्कासन के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
- कथन-1: मछली कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करती है।
- कथन-2: सर्प अपने शरीर से अपशिष्ट के रूप में नाइट्रिक अम्ल का उत्सर्जन करता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
व्याख्याः (Option: 1)
- जन्तुओं के शरीर में रसायनों के निष्कासन की विधि जल की उपलब्धता पर निर्भर करती है। मछली जैसे जलीय जन्तु कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करते हैं जो सीधे जल में घुल जाती है।
- पक्षी, छिपकली, सर्प जैसे कुछ जंतु अपने शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन अर्ध घन (सेमी सॉलिड) पदार्थ के रूप में करते हैं। ये पदार्थ यूरिक अम्ल होता है जो मुख्यतः सफेद रंग का यौगिक है।
- मानव द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थों में यूरिया प्रमुख है।
प्रश्न-9: सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये-
सूची- I (पौधों के भाग) | सूची- II (उनके कार्य) |
A. रंध्र | 1. भोजन का परिवहन |
B. जाइलम | 2. जल का परिवहन |
C. फ्लोएम | 3. वाष्पोत्सर्जन |
D. मूल रोम | 4. जल का अवशोषण |
कूटः A : B : C : D
- 4 2 3 1
- 4 1 2 3
- 3 2 1 4
- 3 4 1 2
प्रश्न-10: निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
- कथन (A) : मूलों द्वारा मृदा से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता है।
- कारण (R) : पत्तियों से जल के वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
- (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- (A) और (R) दोनों सही हैं परन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
- (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
- (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
व्याख्याः (Option: 1) पादपों में वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता है, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों में पहुँचता है। अतः (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है। वाष्पोत्सर्जन का ये प्रक्रम पादपों को ठंडा रखने में भी सहायक होता है।
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